Thursday, April 25, 2024
उत्तर-प्रदेशगोरखपुर

चिप के जरिये कोई कर रहा निगरानी, निकाल रहा खून. आसमान लग रहा जेल की छत….

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

गोरखपुर। संक्रमण के दौरान कोरोना लोगों को परेशान तो कर ही रहा है। संक्रमण से उबरने के बाद भी अनेक मरीजों को अवसादए घबराहट तनाव व सिजोफ्रेनिया के दलदल में धकेल दे रहा है। उनके मन में तरह.तरह के भ्रम पैदा हो गए हैं। जिसकी वजह से वे भयभीत हैं।

तनाव अवसाद व सिजोफ्रेनिया के मरीजों की संख्या ज्यादा

तारामंडल के एक व्यक्ति सिजोफ्रेनिया से ग्रसित हैं। उन्हें भ्रम हो गया है कि किसी ने उनके पेट में एक चिप फिट कर दी है। उसके जरिये वह उनकी नियमित निगरानी कर रहा है। उन्हें आदेश दे रहा है। मरीज को उसकी आवाज सुनाई पड़ती है। हाल में उसने आदेश दिया है कि यदि घर से बाहर निकले तो कोरोना से तुम्हें मार डालूंगा। इस वजह से वह बाहर निकलने में डर रहे हैं। मरीज ने बताया कि चिप फिट करने वाला व्यक्ति उन्हें गाली देता है और उनका खून भी निकाल रहा है। वह लगातार कमजोर होते जा रहे हैं।

लग रहा है कि जेल में बंद हैं

बिहार के गोपालगंज के एक मरीज पूरी तरह स्वस्थ हैं लेकिन उन्हें लगता है कि वह जेल में बंद हैं। घर से बाहर निकलते हैं तो आसमान जेल की छत लगता है। डाक्टर ने बताया कि उन्हें आब्सेसिव कंपलसिव डिस्आर्डर है। मरीज को भी लगता है कि जो उन्हें एहसास हो रहा है वह सही नहीं है लेकिन खुद को समझा नहीं पा रहे हैं। उदास हो गए हैं और रो रहे हैं। कई मरीज द्वंद्व से परेशान हैं। एक तरफ उन्हें लग रहा है कि जीवन नश्वर है और दूसरी तरफ वे मरने को लेकर काफी भयभीत हैं। उन्हें लगता है कि मर जाएंगे तो उनके परिवार का क्या होगा। इसलिए उनमें घबराहट व तनाव पैदा हो गया है, इस वजह से नींद भी नहीं आ रही है।

स्वाद व गंध न आने की समस्या

नाक कान व गला रोग विभाग की ओपीडी में अनेक पोस्ट कोविड मरीज स्वाद व गंध न आने की समस्या लेकर आ रहे हैं। कई गले में खराश की समस्या से पीड़ित हैं। चर्म रोग विभाग की ओपीडी में दाद, खाज, खुजली व मेडिसिन की ओपीडी में सर्दी.जुकाम बुखार के मरीज आ रहे हैं। बुधवार को जिला अस्पताल के मानिसक रोग विभाग में 11, नाक, कान गला रोग विभाग में 10, चर्म रोग विभाग में आठ, मेडिसिन में 15 व फिजियोथेरेपी में दो मरीज आए।

कोरोना से ठीक होने के बाद मानसिक तौर पर लोग ज्यादा परेशान हो गए हैं। तरह.तरह के उनमें भ्रम उत्पन्न हो गए हैं। इसका मूल कारण एक तो इस महामारी की दहशत और दूसरा काफी दिन एकांत में रहना है। ऐसे मरीजों को अकेले में छोड़ने की जरूरत नहीं है। कुछ दिन दवाएं चलेंगी वे ठीक हो जाएंगे। . डा. अमित शाही, मानसिक रोग विशेषज्ञ, जिला अस्पताल।

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