Thursday, May 2, 2024
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

वाराणसीः राज्यपाल ने कहा शिक्षक, शिक्षा और शिक्षार्थी होते हैं राष्ट्र के निधि…….

नवीन पत्रकारिता का सांस्कृतिक मूल्य सामाजिक मूल्यों पर आधारित- राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल

द्विवेदी जी के कृतित्व में दिखाई देता है अध्यापक और अध्येता का गुण- राज्यपाल ’शिव प्रताप शुक्ल ’

पत्रकारिता साहित्य समाज संस्कृति का संचार-महामहिम शिव प्रताप शुक्ल

पत्रकारिता का स्वरूप सामाजिक मूल्यों पर लक्षित-महामहिम

प्रो.प्रभु नाथ का संस्कृत संसार में एक अलौकिक कार्य- दयाशंकर मिश्र

ज्ञान को केवल अपने तक नही बल्कि विश्व स्तर तक ले के जाना है- कुलपति प्रो- आनंद कुमार त्यागी

वाराणसी। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के महामना मदन मोहन मालवीय हिंदी पत्रकारिता संस्थान और राजकुमारी देवी स्मृति शोध संस्था के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को पूर्वान्ह 10ः30 बजे से प्रोफेसर प्रभु नाथ द्विवेदी के 75 वें जन्मोत्सव पर स्वाधीन भारत, साहित्य, समाज और सांस्कृतिक पत्रकारिता विषयक एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल महामहिम शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि शिक्षक, शिक्षा, शिक्षार्थी किसी भी राष्ट्र की निधि होते है। इनको संभालना समाज का दायित्व है। प्रोफेसर प्रभु नाथ द्विवेदी जी का अध्ययन और अध्यापन स्वयं में एक विश्वविद्यालय था। एक अध्यापक और अध्येता क्या होता है। उनके कृतित्व उनके कृतित्व से स्पष्ट होता है। उन्होंने वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा को साहित्य के माध्यम से अभिव्यक्ति किया। बौद्धिक काल का लेखन हिंदी संस्कृत पत्रकारिता का है। महामहिम ने आपातकाल के दौर को को याद करते हुए कहा कि 26 जून को अखबारों के संपादकीय पृष्ठ का वह प्रश्नवाचक चिन्ह पत्रकारिता के सामाजिक मूल्यों को दर्शाता है। समाज और पत्रिका का संबंध एक दूसरे से जुड़ा हुआ है। नवीन पत्रकारिता का सांस्कृतिक मूल्य सामाजिक मूल्यों पर आधारित होता है। इसी के साथ उन्होंने चंद्रयान.3 की सफलता को याद करते हुए सबको बधाई दी और कहा कि आज हमारा देश कुशल नेतृत्व में आसमान को छू रहा है। उन्होंने कहा कि स्वाधीन भारत की पत्रकारिता सत्यम शिवम सुंदरम से संपूर्ण थी। उन्होंने स्वाधीन भारत के संदर्भ में उन्होंने काशी के योगदान को याद किया और काशी के जनता का अभिनंदन किया।

इस कड़ी में विशिष्ट अतिथि आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार डॉक्टर दयाशंकर मिश्र दयालु ने भी प्रो. प्रभुनाथ द्विवेदी जी को याद करते हुए कहा कि उन्होंने संस्कृत संसार में एक अलौकिक कार्य किया है। हमारा काशी साहित्य का केंद्र है और संस्कृत साहित्य में इतना बड़ा काम कोई मूर्धन्य विद्वान ही कर सकता है।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि संस्कृत विज्ञान की भाषा है और आज पूरा शिक्षा जगत ज्ञान की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ज्ञान का उद्भव भारत की भूमि से हुआ है। हमें अपने ज्ञान को केवल अपने तक नही बल्कि विश्व स्तर तक ले के जाना है। भारत के ज्ञान परंपराओं को निभाना है, विकसित करना है। इसी से राष्ट्र का गौरव बढ़ेगा। आज हमारी सभी प्राथमिक सुविधाओं के साथ खुद को भी बदलना है, शिक्षा के स्तर को भी बदलना है।

कार्यक्रम के आरंभ में प्रो. प्रभु नाथ द्विवेदी जी के स्मृति में एक स्मारिका न कदापि विस्मर्यम का विमोचन किया गया। साथ ही राजकुमारी देवी स्मृति शोध संस्थान की ओर से काशी हिंदू विश्वविद्यालय के आचार्य सदा शिव कुमार द्विवेदी को 2023 का संस्कृत सेवा सम्मान से अलंकृत किया गया एवं 11000 रुपए की नकद धनराशि से सम्मानित भी किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलन तथा वैदिक और लौकिक मंगलाचरण के साथ हुआ । वैदिक मंगलाचरण काशी हिंदू विश्वविद्यालय के धर्म विज्ञान संकाय के आचार्य प्रो. पतंजलि मिश्र ने किया। और लौकिक मंगलाचरण काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य अर्चक श्री कांत मिश्र जी ने किया।

कार्यक्रम में पत्रकारिता संस्थान के निदेशक प्रोफेसर अनुराग कुमार, कार्यक्रम संयोजक डॉक्टर नागेंद्र कुमार सिंह, डॉक्टर दयानंद,डॉक्टर संतोष मिश्र, डॉ. आनंद कुमार सिंह अनु, डॉक्टर श्रीराम त्रिपाठी, डॉक्टर रविंद्र पाठक, डॉक्टर जयप्रकाश श्रीवास्तव, डॉक्टर जिनेश कुमार, डॉक्टर देवाशीष वर्मा, डॉक्टर शिव कुमार यादव, शैलेश चौरसिया, रामात्मा श्रीवास्तव, मोहम्मद जावेद एवं छात्र अश्विनी कुमार, देवेन्द्र गिरी, मंगलम तिवारी, सूरज चौबे, शशिकांत, प्रोनोतो बनर्जी, मिथिलेश कुमार, विवेकानंद मिश्रा, अनमोल निगम, धान्याश्री, सृष्टि भट्टाचार्य, जया, आस्था द्विवेदी, वर्तिका दीक्षित, प्रिया राय, सौम्या सिंह, अंकिता मिश्रा, अनिशा पटेल, आकांक्षा, विदुषी वर्मा, कोमल, अदिति मिश्रा, साक्षी शुक्ला, साक्षी अग्रवाल, मदीना शेख, दिव्या नाग, आयुष कन्नौजिया, विशाल चौहान, राहुल चौहान, स्मिता, रश्मि मिश्र, आशुतोष तिवारी, अनिमेष मण्डल, रूद्रकान्त मिश्रा, प्रियांशु तिवारी, आशुतोष, राहुल, दीपक सोनकर, सचिन सोनकर सहित अन्य छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का धन्यवाद ज्ञापन रजिस्ट्रार डॉक्टर सुनीता पांडेय ने दी।

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