Sunday, May 5, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

कुएं से बरामद हुआ प्रोफेसर का शव, पत्नी ने लगाए कॉलेज प्रशासन पर गंभीर आरोप, ये है पूरा मामला…….

केए महाविद्यालय अतरौलिया के लापता प्रोफेसर डॉ. केशव पांडेय का शव कासगंज के गुलाबी नगला स्थित कुएं से मंगलवार की रात बरामद हुआ। बुधवार को पत्नी और बेटे ने शव की शिनाख्त की। चिकित्सकों के पैनल और वीडियोग्राफी के साथ प्रोफेसर के शव का पोस्टमार्टम हुआ। इसके बाद शव लेकर परिजन वाराणसी के चौबेपुर स्थित गांव रवाना हुए। उधर हादसे के बाद परिवार में कोहराम मच गया।

वाराणसी के चौबेपुर थाना क्षेत्र स्थित कैथी निवासी प्रोफेसर केशव पांडे 19 अगस्त की रात अचानक घर से गायब हो गए। चित्रगुप्त कॉलोनी में गली संख्या 5 में किराए के मकान में रहते थे। पत्नी ममता पांडेय और पुत्र प्रवीन पांडेय ने पिता के लापता होने की सूचना सोशल मीडिया पर वायरल की और पुलिस को भी दी। पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज की थी। पुलिस ने बुधवार को परिवार के लोगों को एक शव मिलने की सूचना दी। जिस पर परिवार के लोगों ने शव देखकर शिनाख्त की। मामले की जानकारी साथी प्रोफेसरों को मिली तो महाविद्यालय के प्राचार्य व अन्य प्रोफेसर वहां पहुंच गए। प्रोफेसर के शव का पोस्टमार्टम कराया गया। पैनल ने पोस्टमार्टम किया। इसके बाद परिवार के लोग उनका शव लेकर बनारस अपने गांव के लिए रवाना हो गए। प्रोफेसर केशव पांडेय वर्ष 2003 में महाविद्यालय में तैनात हुए थे। वह कासगंज में अकेले रहते थे। जबकि परिवार चौबेपुर में रहता है। 5.6 दिन पहले उनकी पत्नी व पुत्र पहुंचे थे। उनकी पत्नी ममता पांडेय पूर्व माध्यमिक विद्यालय चौबेपुर में अध्यापिका है। पुत्री ज्योत्सना की शादी हो चुकी है। पुत्र प्रवीण पांडेय अविवाहित है। ये पांच भाइयों में सबसे छोटे थे। इनके अलावा सभी चार भाई सेना में थे। सबसे बड़े चिंताहरण का गत वर्ष देहांत हो गया। बाकी अखिलानंदए नित्यानंद और जगदीश अवकाश प्राप्त करके वाराणसी में रहते हैं।

कॉलेज प्रशासन पर पत्नी ने लगाए आरोप

पत्नी ममता पांडेय ने प्रोफेसर की मौत के मामले में महाविद्यालय प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। आरोप है कि महाविद्यालय प्रशासन ने उनकी जुलाई माह का वेतन नहीं दिया था। जिस लेकर वह परेशान थे। उन्होंने महाविद्यालय के तीन कर्मियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया। उन्होंने अपनी यह व्यथा पुलिस अधिकारियों को बताई, लेकिन बुधवार को कोई तहरीर कोतवाली पुलिस को नहीं दी और न ही आरोपों के संबंध में कोई लिखित पत्र दिया। पत्नी ममता पांडेय ने बताया कि वह खुद 19 अगस्त को प्रोफेसर के साथ महाविद्यालय गईं थी और महाविद्यालय प्रशासन से मुलाकात भी की।

कई बार नशे की स्थिति में आते थे कॉलेज

महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. एके रुस्तगी ने बताया कि प्रोफेसर नशे की लत के शिकार थे। कई बार वह महाविद्यालय में नशे की स्थिति में आते थे। विद्यार्थी भी शिकायत करते थे। उनका चिकित्सीय परीक्षण भी कराया गया और इस संबंध में निर्देश भी जारी किए गए। उन्होंने बताया कि बिना सूचना गैर हाजिर रहने के कारण उनका जुलाई माह का वेतन रुका था। उन्होंने न कोई एप्लीकेशन दी और न ही छुट्टी के लिए अन्य प्रपत्र दिए। 19 अगस्त को वह पत्नी के साथ आए थे तो उन्हें कुछ औपचारिकताएं बताई गईं और वेतन जारी करने को कहा गया। जिससे पति पत्नी दोनों संतुष्ट थे।

 

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