प्रधानाध्यापक समेत सात शिक्षकों का वेतन रोका……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
रायबरेली। परिषदीय विद्यालयों के निरीक्षण में गैरहाजिर मिलने पर एक प्रधानाध्यापक और छह सहायक अध्यापकों का वेतन रोक दिया गया है। आठ शिक्षामित्रों एवं अनुदेशकों का मानदेय भी रोका गया है। खंड शिक्षा अधिकारियों ने 27 मार्च से 10 अप्रैल तक प्रेरणा पोर्टल की समीक्षा के बाद यह कार्रवाई की गई। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी शिवेंद्र प्रताप सिंह ने सभी लोगों को नोटिस देकर तीन दिन के भीतर बीईओ के माध्यम से स्पष्टीकरण भी तलब किया है।
बीएसए ने बताया कि मझिगवां की प्रधानाध्यापक पूनम लता के अलावा सहायक अध्यापकों में मझिगवां की शशि प्रजापति, जोहवा शर्की के शशिकांत त्रिपाठी, रुकुनपुर की स्वाति श्रीवास्तव, मंशाखेड़ा की पल्लवी, आंबा की मोनी देवी और डलमऊ.प्रथम की जानकी बिनी किसी सूचना के अनुपस्थित पाई गईं। इन सभी का निरीक्षण दिवस एक दिन का वेतन रोका गया है। इसी तरह शिक्षामित्रों में पहराखेड़ा की अनीता देवी, मलकेगांव.प्रथम के संतोष कुमार, सूदनखेड़ा के ओमप्रकाश कुशवाहा, जोहवा नटकी की रचना सिंह, मेरुई के शैलेंद्र सिंह, सराय तुलाराम के धर्मेंद्र कुमार, अनुदेशकों में बथुआ खास की वंदना वर्मा, बाबूगंज की अनुपमा देवी भी अनुपस्थित मिली। इन सभी का एक दिन का मानदेय रोकने के आदेश दिए गए हैं।
इनसेट
विकास क्षेत्र छतोह और रोहनिया के खंड शिक्षा अधिकारियों धर्मेश कुमार और डा. सत्य प्रकाश को नोटिस देकर जवाब मांगा गया है। यू.डायस प्लस 2022.23 में इन विकास क्षेत्रों की डीसीएफ इंट्री काफी कम पाई गई। बीएसए शिवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि विकास खंड स्तर पर टीचर मॉड्यूल के अंतर्गत शिक्षक विवरण अपडेशन एवं स्कूल प्रोफाइल एंड फैसिलिटी के तहत डीसीएफ इंट्री कराई गई थी। जिसमें छतोह और रोहनिया ब्लाक की प्रगति काफी खराब मिली। राज्य परियोजना कार्यालय स्तर पर समीक्षा हुई तो इन दोनों ब्लाकों की लापरवाही उजागर हुई। दोनों ब्लाकों के बीईओ से तीन दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही 15 अप्रैल तक डाटा इंट्री का काम पूरा करने की चेतावनी दी गई है।