लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के भीतर चल रहे गतिरोध अब खुलकर सामने आने लगे हैं। अखिलेश यादव की पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) मुहिम को एक और झटका लगा है। स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब पूर्व मंत्री व सपा के प्रदेश सचिव कमलाकांत गौतम ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है।
कमलाकात ने कहा कि सचिव का पद निष्क्रिय व निष्प्रभावी बना दिया गया है। वहीं, स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ भेदभाव व पक्षपातपूर्ण व्यवहार के कारण बहुजन समाज आहत है। ऐसे में महत्वहीन पद पर बने रहने का औचित्य नहीं है, इस कारण त्यागपत्र दे रहा हूं। हालांकि, वह भी मौर्य की तरह बगैर पद के पार्टी में काम करते रहेंगे।
स्वामी प्रसाद ने छोड़ा पद
पीडीए के ही मुद्दे को लेकर पहले अपना दल कमेरावादी की पल्लवी पटेल ने नाराजगी दिखाई थी, बाद में स्वामी प्रसाद ने राष्ट्रीय महासचिव का पद छोड़ दिया था।
कमलाकांत ने त्यागपत्र में लिखा है कि आज तक मुझे कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं सौंपी गई। बिना किसी जिम्मेदारी व जवाबदेही के पार्टी का जनाधार नहीं बढ़ाया जा सकता। मैं सदैव सामाजिक परिवर्तन के संघर्ष में हिस्सा रहा हूं।
वंचित समाज को हक और अधिकार दिलाने में प्रयासरत रहता हूं। उन्होंने मौर्य के साथ पार्टी में भेदभाव, पक्षपातपूर्ण व्यवहार और उपेक्षा की बात उठाते हुए लिखा है कि इससे बहुजन समाज आहत है। अब मैं महत्वहीन पद पर बने रहने का कोई औचित्य नहीं समझता हूं। मैं सपा के प्रदेश सचिव पद से त्यागपत्र दे रहा हूं। बिना पद के कार्य करता रहूंगा।
कमलाकांत का त्यागपत्र मेरी जानकारी में नहीं है। पार्टी के अंदर कोई नाराजगी नहीं है। सभी को पूरा सम्मान मिलता है। भाजपा को हराने के लिए सपा ही एकमात्र विकल्प है। भाजपा सपा से घबराई हुई है। राजेन्द्र चौधरी, मुख्य प्रवक्ता, सपा