एक लाश पर दो परिवार ने ठोंका दावा, गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने लगाया गजब का दिमाग, अंगूठे से हुआ फैसला…..
उत्तर प्रदेश के कासगंज जिले में पुलिस उस समय बड़ी उलझन में फंस गई। जब अज्ञात युवक के शव को लेने दो परिवार आ गए। दोनों ने युवक को खुद के परिवार का सदस्य बताते हुआ दावा किया। तो पुलिस भी हैरान रह गई। इसके बाद पुलिस ने इस गुत्थी को सुलझाने के लिए गजब का दिमाग लगाया।
कासगंज सदर कोतवाली क्षेत्र के बारह पत्थर मैदान के पास शनिवार की सुबह एक अज्ञात युवक का शव मिलने से सनसनी फैल गई थी। शव की शिनाख्त कराने के लिए पुलिस ने सोशल मीडिया का सहारा लिया। इस दौरान सोरोंजी के फतेहपुर गांव निवासी एक परिवार ने पुलिस के पास पहुंचकर शव शिनाख्त करने का दावा किया। पुलिस शव की शिनाख्त होने पर सुकून में आई, लेकिन तभी सिकंदरपुर वैश्य थाना क्षेत्र के नगला अब्दाल गांव निवासी एक अन्य परिवार भी थाने पहुंचकर शव की शिनाख्त करने का दावा कर उसे अपने परिवार का सदस्य बताया था।
एक शव पर दो परिवारों के दावा करने पर पुलिस की उलझन बढ़ गई। दोनों परिवारों से फोटो लेकर शव के चेहरे का मिलान किया तो दोनों फोटो और शव में काफी समानता थी। रविवार की दोपहर के समय पुलिस को कोई रास्ता नहीं मिला तो आधार की बायोमेट्रिक मशीन से मृत युवक की शिनाख्त कराई गई। मशीन के माध्यम से शव की शिनाख्त संजीव पुत्र चंद्रपाल निवासी फतेहपुर थाना सोरोंजी के रूप में हुई।
संजीव के भाई नीरज कुमार ने सदर कोतवाली पहुंचकर शव की शिनाख्त की थी। उन्होंने बताया कि शुक्रवार को संजीव मजदूरी करने के लिए शहर में आया था। लेकिन वापस घर नहीं पहुंचा। अब सोशल मीडिया के माध्यम से उसकी मौत की जानकारी मिली है। शव उनके भाई संजीव का है। पुलिस ने नीरज की बातों को स्वीकार कर लिया।
एसपी ने बताई शिनाख्त करने की ये तरकीब
थानाध्यक्ष के अनुसार सिकंदरपुर वैश्य थाना के नगला अब्दाल के किशन कुमार ने दावा किया कि यह शव उनके भाई उमाशंकर का है। उमाशंकर काफी समय से लापता है। दो दावेदारों के आने पर मामले को वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष रखा गया। एसपी ने शव का बायोमेट्रिक परीक्षण कराने को कहा। इस तरह से मामला सुलझ सका। एएसपी जितेंद्र दुबे ने बताया कि दो लोगों का दावा होने के कारण बायोमेट्रिक रूप से पहचान कराई गई है। शव पोस्टमार्टम के बाद फतेहपुर के परिवार को सौंपा गया है।