Monday, May 6, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

मुझे आजादी मिल गई: गुमनामी में खो गया, अंधेरा… मौन और पूर्ण; एक साल से ऐसे मैसेज और पोस्ट कर रहा था…….

वाराणसी। सेंट्रल जेल रोड स्थित वरुणा गार्डेन अपार्टमेंट की छत से छलांग लगा कर जान देने वाले 19 वर्षीय रणवीर उपाध्याय ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट के बायो में लिखा था… गुमनामी में खो गया। अंधेरा… मौन और पूर्ण… मुझे आजादी मिल गई… सारी आशा खोना ही आजादी है… अहंकार बदलें…।

वह एक साल से ऐसे पोस्ट कर रहा था। हालांकि पुलिस अब उसका अकाउंट डिलीट कराएगी। एडीसीपी वरुणा जोन सरवनन टी ने बताया कि रणवीर ने इंस्टाग्राम पर लाइव आकर जान दी थी। उसका वह वीडियो डिलीट कराने के लिए इंस्टाग्राम को एक ई-मेल भेजा जा रहा है। ताकि, उस वीडियो से कोई दुष्प्रेरित न हो सके।

युवाओें से यही अपील है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल रचनात्मक कार्यों के लिए करें और किसी भी तरीके से दुष्प्रेरित न हों। अपनी बातें अपने अभिभावकों, दोस्तों और गुरुजनों से जरूर शेयर करें।

आपको बता दें कि गुरुधाम कॉलोनी के मूल निवासी गोपाल उपाध्याय सामाजिक और आर्थिक रूप से शहर के एक प्रतिष्ठित परिवार से ताल्लुक रखते हैं। हर तरह की सुविधाओं से संपन्न परिवार के इकलौते बेटे रणवीर ने अपने जन्मदिन के दिन गत शुक्रवार को 11 मंजिला अपार्टमेंट की छत से छलांग लगाकर जाकर जान दे दी।

जान देने से पहले उसने छत का दरवाजा बाहर से बंद कर लिया था। रणवीर के आत्मघाती कदम ने न सिर्फ उसके परिजनों को बल्कि शहर के लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। सभी की जुबान पर एक ही सवाल है कि आखिरकार वह कौन सी वजह थी कि युवा रणवीर ने जान दे दी।
एक साल से अजीबोगरीब मैसेज और पोस्ट कर रहा था
रणवीर के सोशल मीडिया अकाउंट्स को पुलिस खंगाल रही है। शनिवार रात तक पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि वह लगभग एक साल से अजीबोगरीब मैसेज और पोस्ट कर रहा था। उसके मैसेज और पोस्ट में कहीं न कहीं से नकारात्मकता का बोध हो रहा था। फिलहाल, पुलिस रणवीर के दोस्तों से बातचीत कर और उसके सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाल कर यह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिरकार उसने आत्महत्या क्यों की?
किशोरों-युवाओं की गतिविधि की निगरानी जरूरी : प्रो. संजय
बीएचयू के मनोचिकित्सक प्रो. संजय गुप्ता ने कहा कि किशोरों-युवाओं के सुसाइड करने की घटनाएं जिस तरह से बढ़ती जा रही है, उसको बहुत गंभीरता से लेने की जरूरत है। यह एक ऐसी अवस्था होती है, जिस पर परिजनों को उनकी हर गतिविधियों पर नजर रखनी चाहिए। साथ ही, घर में रहने के दौरान भी आपसी संवाद बनाए रखना चाहिए, जिससे कि अगर बच्चों को कोई समस्या है तो उनकी जानकारी मिल सके।
अगर किसी तरह का तनाव समझ में आता है तो अच्छे मनोचिकित्सक से उसको दिखाना चाहिए। ध्यान देने की बात यह है कि स्ट्रेस असेसमेंट जरूर करवाएं। इससे आत्महत्या पर अंकुश लगाया जा सकता है।

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