सीएम सामूहिक विवाह में फर्जीवाड़ा, शादीशुदा महिला ने दूसरे के साथ ले लिए थे फेरे, एलआईयू ने शुरू की जांच…..
गोरखपुर में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़े की एलआईयू ने जांच शुरू कर दी है। योजना में मिलने वाले सरकारी पैसे के लालच में शादीशुदा महिला ने पति की जगह पहचान वाले के साथ सात फेरे ले लिए थे। दूसरी ओर इस खेल में शामिल सचिव, गांव के प्रधान समेत अन्य प्रभावशाली लोगों से पैरवी कराने में जुट गया है। हालांकि इस मामले में मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत हो चुकी है। एक सप्ताह के अंदर पोर्टल पर भी रिपोर्ट देनी है।
जानकारी के मुताबिक कैंपियरगंज क्षेत्र की एक महिला की शादी इसी साल 28 फरवरी को सिद्धार्थनगर जिले के एक युवक से हुई थी। शादी के कुछ दिन बाद महिला का पति कमाने मुंबई चला गया। इसके बाद महिला वापस मायके आ गई।
इस बीच उसने अपने पहचान वाले के साथ मिलकर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाली धनराशि को हड़पने की साजिश रची। इसके लिए उसने संबंधित गांव के सचिव और बीडीओ के समक्ष आवेदन किया।
आरोप है कि उसे शादीशुदा न होने का प्रमाणपत्र भी दे दिया गया। इसके बाद सचिव और बीडीओ ने 22 जून को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में शादी के मंडप में बैठा दिया। फेरे के बाद प्रमाणपत्र पर उसने अपने पति का नाम भी दर्ज करा लिया। मामले की शिकायत के बाद एलआईयू ने अपने स्तर से जांच शुरू कर दी है। वहींए दूसरी तरफ बीडीओ ने योजना के तहत दिया गया सामान भी वापस मंगवा लिया है।
जिला समाज कल्याण अधिकारी वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि इस मामले की जानकारी आयोजन के दिन ही हो गई थी। इसलिए उनकी विवाह प्रक्रिया रोक दी गई थी। सरकार की तरफ से दिए जाना वाला उपहार आदि वापस ले लिया गया था। इस संबंध में उच्चाधिकारियों को वस्तुस्थिति से अवगत करा दिया गया है।