नासमझी में बर्बाद हुई जिंदगी, दरिंदों से धोखा खाया तो समझीं मां.बाप ही सच्चे दोस्त, प्रेम करना बना जंजाल…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
नासमझी में सोशल मीडिया से दरिंदे से दोस्ती में पड़कर धोखा खाने और अपनी जिंदगी तबाह करने वाली बहुत सी किशोरियां ऐसी भी है। जिन्होंने जख्म को भुलाकर जीना सीख लिया। वह कहती हैं। अब तो बस धोखेबाज दरिंदे को सलाखों के पीछे देखने की हसरत है। पिता से अपनी गलतियों की माफी मांगते हुए वह बस एक ही बात कहती हैं। पापा कोर्ट में पैरवी करके दरिंदे को सजा दिला दो। तभी मेरे कलेजे को ठंडक मिलेगी।
काउंसलिंग के बाद उनके अंदर आए हिम्मत की मदद से पुलिस कोर्ट में समय से उनकी गवाही व अन्य प्रक्रिया को आगे भी बढ़ा रही हैए जिसकी मदद से आरोपियों को सजा भी हुई है। धोखा खाई इन बच्चियों को समझ आ चुका है कि जिन्हें दोस्त मानकर मां.बाप को छोड़कर गईं थी वे दरिंदे निकले। सच्चे दोस्त तो मां.बाप ही बने, जिन्होंने जीवन तबाह होने के बाद भी साथ नहीं छोड़ा।
जख्मों के साथ जीना सीखने वाली बच्चियों के पीछे सबसे बड़ी वजह अभिभावक का उनके साथ खड़ा होना सामने आया है। जिन बच्चियों के मां.बाप ने बुरे समय में उसका साथ नहीं छोड़ा। वह आज जिंदगी को न सिर्फ आगे बढ़ा रही हैं। बल्कि अब एक मुकाम भी हासिल करने की ओर बढ़ गई हैं।
मानसिक रोग विशेषज्ञ डॉ. गोपाल अग्रवाल बताते हैं कि उनके पास कई ऐसी बच्चियां इलाज के लिए आती हैं, जो एक गलत कदम की वजह से अपनी जिंदगी में उदासी में चली गई थी। हाई डिप्रेशन तक पहुंच गई थी और जिंदगी को खत्म करने तक का फैसला कर चुकी थी। लेकिन अब दवाओं और काउंसलिंग की मदद से अपनी जिंदगी फिर से जीने लगी हैं।
दोस्त ने तबाह किया, परिवार ने फिर संभाला
17 सितंबर 2019 को खोराबार इलाके की 17 साल की किशोरी चार दिन बाद घर लौटी। जांच में सामने आया कि 9वीं में पढ़ने के दौरान ही गांव के एक युवक ने उससे दोस्ती कर ली। हाईस्कूल तक उसने ध्यान नहीं दिया और उसके अंक भी 72 प्रतिशत के करीब आए। मां.बाप उसे टीचर बनाना चाहते थे।
गरीब घर की बेटी के मां.बाप को लगता था कि वह शिक्षक बनकर परिवार भी संभाल लेगी और शिक्षा के जरिए गरीबों को पढ़ाकर आगे भी बढ़ा देगी, लेकिन सब सपना टूट गया। एक साल बेटी अवसाद में रही। लेकिन अब वह बीए में दाखिला ले चुकी है। पढ़ाई में उसका मन फिर से लगने लगा है।
प्रेमी ने छोड़ा तो मां बाप ने थामा हाथ
05 दिसंबर 2018 को एक किशोरी को बहला फुसला कर गांव के पास का प्रमोद निषाद गुजरात लेकर चला गया। वहां उसके साथ दुष्कर्म किया। 24 मार्च 2019 को अभियुक्त ने किशोरी को घर लाकर छोड़ दिया। इसके बाद किशोरी ने आत्महत्या करने का मन बना लिया था। लेकिन जब वह घर से निकली तो परिजनों को इसकी भनक लग गई।
राजघाट के पास से समझा बुझा कर घर लाए। दवा कराए और अब वह ग्रेजुएशन के साथ ही कोचिंग में भी पढ़ा रही है। उसके लड़ने की वजह से ही आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हो चुकी है। अब वह परिजनों की मदद से हाईकोर्ट में पैरवी कर रही हैए ताकि आरोपी जमानत न पाने पाए।