चकियाः औरवाताड़ के प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने के लिए डीएम ने दो करोड़ का शासन को भेजा प्रस्ताव……
यूपी सरकार इको टूरिज्म के विकास के लिए सभी संभावनाओं पर तेजी से कर रही काम
चंदौली प्राकृतिक वाटरफॉल, फाउंटेन, ऐतिहासिक रॉक पेंटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने से भरा पड़ा
स्थानीय चीजों के प्रयोग से होगा निर्माण, लोगों को मिलेगा रोजगार
चकिया, चंदौली। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश के अनछुए पर्यटन स्थलों को खोज कर विकसित करने में जुटी है। चंदौली जनपद के नौगढ़ तहसील से सटे औरवाताड़ प्राकृतिक वाटर फाल, दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र और अन्य प्राकृतिक सौंदर्य से भरी पड़ी है। जो इको पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण है। औरवाताड़ के प्राकृतिक सौंदर्य को निखारने के लिए जिलाधिकारी ईशा दुहन ने 2 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा है।
दो करोड़ से सवरेगा औरवाताड़ सौंदर्य
योगी सरकार इको टूरिज्म के विकास के लिए सभी संभावनाओं पर तेजी से काम कर रही है। धान का कटोरा कहा जाने वाला चंदौली अपने नेचुरल ब्यूटी के लिए भी जाना जाता है। चंदौली अनेक प्राकृतिक वाटरफॉल, फाउंटेन, ऐतिहासिक रॉक पेंटिंग और प्राकृतिक सौंदर्य के खजाने से भरा पड़ा है। पूर्व की सरकारों के ध्यान न देने से प्रकृति का ये अनोमल ख़जाना जंगल में वर्षो से ग़ुम पड़ा है। जिससे लोग इसके सौंदर्य का आनंद नहीं ले पा रहे है। जिलाधिकारी ईशा दुहन ने बताया कि चंदौली में ढ़ेर सारी प्राकृतिक सौंदर्य की जगहे हैं। जो पर्यटन की दृष्टि से काफी महत्पूर्ण है। उन्होंने ने बताया कि औरवाताड़ को इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने के लिए शासन को दो करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है।
स्थानीय चीजों के प्रयोग से होगा निर्माण, स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार
ईशा दुहन ने बताया कि तीन तरफ से प्राकृतिक रूप से घिरा और लगभग 200 फिट से गिरने वाला वाटर फाल के आस पास दुर्लभ प्रागैतिहासिक शैल चित्र है। इस क्षेत्र को पर्यावरण के अनुकूल स्थानीय उत्पाद और तकनिकी से पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने के लिए शासन को भेजे गए प्रस्ताव में स्थानीय अर्थ व्यवस्था को भी बढ़ाने का ध्यान रखा गया है। मचान जहा से प्राकृतिक सौंदर्य देखने के साथ ही नेचर फोटोग्राफी की जा सकती है। साथ ही पर्यटकों के एडवेंचर गेम के लिए रॉक क्लाइम्बिंग, ज़िप लाइन, लो रोप कोर्स, कमांडो नेट वाल, टायर नेट वाल आदि होगा, स्थानीय मटेरियल और तकनिकी का प्रयोग करके प्रशासनिक भवन, स्थानीय पत्थरों से भव्य औरवाताड़ प्रवेश द्वार का निर्माण, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए बॉस से बने दुकाने, प्राकृतिक लकड़ी सौगान से वुड रेलिंग, पार्किंग, क्षेत्र की पूरी जानकारी के साथ साइनेज, सैंड स्टोनसे बने बेंचेज और क्षेत्र की खूबसूरती बढ़ाने के लिए लैंडस्केपिंग की जाएगी।
पूर्वांचल के हिल स्टेशन के रूप में जाना जाता है चंदौली
वाराणसी समेत पूर्वांचल के लिए के लोगों के लिए चंदौली हिल स्टेशन जैसी प्राकृतिक सौंदर्य वाले पर्यटन स्थल के रूप में शुमार होने वाला है। जिससे पर्यटन उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को रोजगार मिलने से उनके जीवन स्तर में सुधार होगा।