रूस, यूक्रेन के जोड़े की प्रेम कहानी का भारत में दुखद अंत, रूसी प्रेमिका ने सनातन रीति से कराया अंतिम संस्कार……
वाराणसी। रूस यूक्रेन युद्ध की विभीषिका के बीच उम्मीद जगाने वाली इन दोनों देशों के एक प्रेमी जोड़े की प्रेम कहानी का भारत में दुखद अंत हो गया। युद्ध में परिवार के कई सदस्यों को गंवा देने से उपजी हताशा के बाद यूक्रेन के 50 वर्षीय कोस्टियांटीन बेलिएव शांति की तलाश में भारत आए और हरिद्वार में एक आश्रम में रहने लगे। उन्होंने सनातन धर्म अपना लिया और कृपा बाबा नाम भी मिल गया। पिछले साल 29 नवंबर को वह वाराणसी आए और 26 दिसंबर की रात जिस गेस्ट हाउस में ठहरे थे। उसमें ही फांसी लगाकर अपना जीवन समाप्त कर लिया।
भेलूपुर स्थित मुन्ना गेस्ट हाउस में 28 नवंबर से रह रहीं रूस की रहने वाली उनकी प्रेमिका नताशा उस दिन तमिलनाडु में थीं। नताशा और बेलिएव कई वर्षों से एक दूसरे को जानते थे। भेलूपुर एसीपी प्रवीण कुमार सिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर नताशा वाराणसी आईं और बेलिएव के दाह संस्कार की इच्छा जताई। भेलूपुर एसीपी ने बताया कि दिल्ली स्थित यूक्रेन के दूतावास के अधिकारियों ने बेलिएव की मां से संपर्क किया तो उन्होंने किसी यूक्रेनी के हाथों दाह संस्कार कराने की बात कही। इसके बाद संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में पढ़ रही यूक्रेन की याना चेर्नन्या के बारे में पता चला। 29 दिसंबर को हरिश्चंद्र घाट पर सनातन परंपरा के अनुसार बेलिएव का जब दाह संस्कार किया गया, नताशा वहां उपस्थित थीं।