नए सिरे से आरक्षण की तैयारी, बदल जाएगा कई सीटों का समीकरण…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
लखनऊ। रैपिड सर्वे पिछड़ा वर्ग की गणना का काम गुरुवार को पूरा होने से नगर निगम के 110 वार्डों में राजनीतिक गतिविधियां भी तेज हो जाएंगी। इसगणना से सीटों पर जातीय समीकरण भी बदल जाएगा। वार्डों का आरक्षण का खाका तय होने के बाद ही स्थितियां साफ हो पाएंगीए लेकिन मौजूदा पार्षदों के साथ ही पहली बार चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे संभावित उम्मीदवारों की भी धुकधुकी तेज हो गई है। वार्ड का जातीय समीकरण कैसा होगा। 2017 के निकाय चुनाव में पिछड़ा जनगणना 2011 के आधार पर वर्ग के लिए 20 सीटें आरक्षित की गई थीं। जो अब नगर निगम सीमा में विस्तारित क्षेत्र शामिल होने से बढ़ गई है।
इतनी सीटें होंगी आरक्षितः पिछड़े वर्ग की आबादी बढऩे से आरक्षण का लाभ भी इस वर्ग को अधिक मिलेगा। निकाय चुनाव में बीस के बजाय 21 सीटें पिछड़ा वर्ग पुरुष, महिला के लिए आरक्षित हो जाएंगी। इसी तरह अनुसूचित जाति की सीटों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इस वर्ग के लिए अभी तक बारह सीटें महिला पुरुष थीं। जो बढ़कर 14 हो जाएंगी। अनारक्षित सीट पर कैंची चल जाएगी। वर्ष 2017 के चुनाव में अनारक्षित सीट सामान्य वर्ग की सीटों की संख्या 53 थी। जो अब घटकर 50 हो जाएंगी। इसी तरह 25 सीटें महिला आरक्षित होंगी।