जिंदा मां को बना दिया मृतक, प्रिंसिपल ही डकार गया बच्चों के खाने के नाम पर इतने करोड़ रुपये……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
आगरा। जिस प्रिंसिपल पर बच्चों को नैतिकता और आदर्शवादिता का पाठ पढ़ाने की जिम्मेदारी थी। वह ही बच्चों के भोजन के नाम पर 11 करोड़ डकार गया। इस खेल के लिए उसने अपना नाम कागजों में बदल डाला और यहां तक कि अपनी जीवित मां को भी मृतक दर्शा डाला। मिडे डे मील के नाम पर हुए इस बड़े घोटाले की परतें धीरे−धीरे विजिलेंस जांच में खुल रही हैं। प्रिंसिपल की पत्नी ने भी बराबर की भूमिका अदा की और पड़ोसियों के देखते ही देखते इस घर की शान ओ शाैकत बदल गयी।
आगरा में विजिलेंस की जांच से शिकंजे में आया फिरोजाबाद में तैनात प्रधानाध्यापक चंद्रकांत शर्मा, सुनील बनकर सात वर्ष तक मिड डे मील के लिए आने वाली धनराशि में घोटाला करता रहा। बेसिक शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी सोते रहे। सात साल में 11.46 करोड़ रुपये के घोटाले के बाद भी उनकी नींद नहीं टूटी। माना जा रहा है कि इतना बड़ा घोटाला शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के बिना नहीं हो सकता। विजिलेंस जांच में शिक्षा विभाग और बैंकों के अधिकारियों पर भी शिकंजा कस सकता है।
कागजों में मां को मार डाला
चंद्रकांत शर्मा ने सारस्वत आवासीय शिक्षा सेवा समिति के नाम संस्था का पंजीकरण कराया। जिसमें अपने पिता गंगा प्रसाद शर्मा को अध्यक्ष मां उर्मिला देवी को प्रबंधक/सचिव, पत्नी को कोषाध्यक्ष, चाचा.चचेरे भाई, साले एवं रिश्तेदारों को पदाधिकारी व सदस्य बनाया। वर्ष 2011.12 में कोषाध्यक्ष एवं शिक्षक की पत्नी बेबी शर्मा ने उप निबंधक फर्म्स एवं चिट्स के यहां शपथ पत्र प्रस्तुत किया। जिसमें जमुना प्रसाद, अपनी सास उर्मिला देवी, एमजी शर्मा की मृत्यु दर्शाकर खुद को संस्था की प्रबंधक/सचिव और पति चंद्रकांत शर्मा को फर्जी नाम सुनील शर्मा को कोषाध्यक्ष बना दिया। विजिलेंस ने जांच की तो पाया कि जिन उर्मिला देवी को मृत दर्शाया गया, वह जीवित हैं।