पुराने कपड़ों से चलेगी कार और बनेगा खाना, यूपीटीटीआइ के छात्रों ने विकसित की बायोफ्यूल बनाने की तकनीक……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कानपुर। अब लोगों को पुराने कपड़े फेंकने की जरूरत नहीं होगी। आने वाले वक्त में ये कपड़े भोजन बनाने और वाहन चलाने के लिए जरूरी ईंधन देंगे। उप्र वस्त्र एवं प्रौद्योगिकी संस्थान यूपीटीटीआइ के छात्र.छात्राओं ने कपड़ों से जैव ईंधन बायोफ्यूल तैयार करने की तकनीक विकसित कर ली है। हाल ही में आइआइटी कानपुर के स्टार्टअप इन्क्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर एसआइआइसी ने छात्रों के इस प्रोजेक्ट को दो लाख रुपये की मदद दी है।
यूपीटीटीआइ के बीटेक चतुर्थ वर्ष के छात्र अभिनव प्रताप सिंह, संस्थान से पास हो चुकीं शिवि सिंह, मोहिनी कुमारी व कोमल त्रिपाठी ने पिछले वर्ष कपड़ों से बायो फ्यूल बनाने की तकनीक पर काम शुरू किया था। हाल ही में उन्हें सफलता मिली है। उन्होंने अपनी इस तकनीक को आइआइटी कानपुर के इन्क्यूबेशन प्रतियोगिता में भी प्रदर्शित किया। इसके बाद आइआइटी के एसआइआइसी ने प्रोजेक्ट आगे बढ़ाने के लिए दो लाख रुपये की मदद की है। यूपीटीटीआइ के स्टार्टअप सेल प्रभारी डा. जेपी सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को प्रोटोटाइप बनाने के लिए 25 हजार रुपये की पहली किस्त मिल गई है। जून के पहले सप्ताह तक प्रोटोटाइप बनने की संभावना है।