चकियाः प्रभारी मंत्री, विधायक इस रोड़ पर भी चल लीजिए पता चल जायेगा गड्ढ़ा अभियान की सच्चाई…..इस पर चलना मौत को दावत देने के बराबर…..होते हैं गिरकर घायल…..
सरकार का गड्ढ़ा मुक्त अभियान आकर इस मार्ग पर दम तोड़ता
जनपद के प्रभारीमंत्री व चकिया विधान सभा को जोड़ता है मार्ग
स्थानीय लोग कोष रहें है जनप्रतिनिधि व अधिकारियों को
चकिया, चंदौली। आप सभी ने जन सभाओं में सीएम योगी व डिप्टी सीएम केशव मौर्या द्वारा सुने होंगे कि प्रदेश की सड़के गड़ढ्ा मुक्त हो चुकी हैं। गड्ढा मुक्त सड़कों को किए जाने का प्रचार प्रसार भी व्यापक स्तर पर सरकार व भाजपा के नेताओं द्वारा किया जाता है। लेकिन यह सभी बातें उस समय हवा हवाई हो जाती हैं जब आप चकिया.शेरवां भीषमपुर मार्ग पर चलेंगे। यहीं आकर गड्ढ़ा मुक्त अभियान दम तोड़ देता है। दो जनपदों को जोड़ने वाले इस रोड़ पर चलना मौत को दावत देने के बराबर है। दर्जनों गांवों के साइकिल व बाइक सवार आए दिन गिरकर चोटिल होते रहते हैं। लेकिन प्रशासन के कानों में जू तक नहीं पहुंचता। जनपद के प्रभारीमंत्री रमाशंकर पटेल व क्षेत्रीय विधायक शारदा प्रसाद भी इस समस्या को हल कराने से मुंह मोड़ लिए हैं। चुनाव सिर पर लेकिन जनप्रतिनिधि चुप्पी साधकर बैठे हुए हैं। बतादें कि यह लगभम 10 किमी का मार्ग पूरी तरह से गड्ढ़ा युक्त होकर दम तोड़ रहा है।
हम बात कर रहे हैं चकिया विधान सभा के चकिया.शेरवा भीषमपुर मार्ग की। बतादें कि सरकार बनती हैं और वादों का पिटारा खोकर लोगों से वोट लेने का काम किया जाता है। लेकिन जमीनी हकीकत को देख लिया जाए तो वह केवल कागजों तक ही सिमट कर रह जाती है। प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा अभियान चलाकर प्रदेश की सड़कों को गड्ढ़ा युक्त किया गया। लेकिन कुछ स्थानों पर स्थानीय विधायक व मंत्रियों के कमी से सड़कों का सुंदरीकरण नहीं हो सका। सरकार को साढ़े चार वर्ष पूरे हो गये लेकिन चकिया.शेरवा भीषमपुर मार्ग का मरम्मत तक नहीं हुआ। जिससे यह साफ होता है कि इन मंत्रियों व विधायकों का वायदा केवल हवा हवाई रहता है। यह मार्ग चंदौली.मीरजापुर यानि दो जनपदों को जोड़ने वाला मार्ग है। इस मार्ग से सोनहुल, भीषमपुर, कादिलगंज, हाजीपुर, भटवारे कला, पिपरियां, कुदरा, गढ़वा सेमरौर सहित दर्जन भर गांवों के लोग आवागमन करते हैं। वहीं मार्ग से आवागमन करने वाले आए दिन गिरकर चोटिल भी होते हैं। फिर भी प्रशासन मार्ग की मरम्मत के लिए कोई जहमत तक नहीं उठाती है। इस मार्ग पर चलना यानि मौत को दावत देने के बराबर है। बतादें कि लगभग 5.6 वर्ष पूर्व ही इस मार्ग को बनाया गया था। गौर करने की बात यह भी है कि जनपद के प्रभारीमंत्री रमाशंकर पटेल का विधान सभा मडिहान और चकिया विधान सभा को यह सड़क जोड़ती है।
इस मार्ग से नहीं गुजरते हैं मंत्री.विधायक
चंदौली जनपद के प्रभारी मंत्री सहित स्थानीय विधायक शारदा प्रसाद भी इस मार्ग से गुरजना मुनासिब नहीं समझते हैं। इन जनप्रतिनिधियों को पूरी तरह पता है कि चकिया.शेरवा भीषमपुर मार्ग पूरी तरह गड्ढ़ा युक्त है और प्रदेश सरकार सड़कों के प्रति अभियान चलाकर गड्ढ़ा मुक्त करने का काम कर रही है। फिर भी इन जिम्मेदार लोगों को इस मार्ग का मरम्मत नहीं भाता है। लोगों ने बताया कि प्रभारीमंत्री रमाशंकर पटेल इस मार्ग से आने से बचते हैं। वह इस मार्ग पर आना नहीं चाहते हैं। यह मंत्री विधायक दूसरे मार्ग से चलकर अपनी जरुरतों को पूरा करते हैं।
क्या कहते हैं नेता
वरिष्ठ सपा नेता डा. रामआधार जोसेफ ने कहा कि योगी सरकार के अभियान गड्ढ़ा मुक्त को आईना दिखाने का काम कर रहा है चकिया.भीषमपुर, शेरवां मार्ग। ऐसी हालत चकिया विधान सभा की कई रोड़ों की है। बड़ी बात यह है कि जनपद के प्रभारीमंत्री भी इस मार्ग से चलने से गुरेज करते हैं।
आईपीएफ के यूपी प्रदेश प्रवक्ता अजय राय ने कहा कि प्रदेश की वर्तमान सरकार को विकास से कोई मतलब नहीं है। आज ज्यादातर सड़के गड्ढा मुक्त के जगह गड्ढ़ा युक्त हो गई है। लेकिन इनकों इससे कोई लेना देना है। यह राजनैतिक दल केवल पैरवी करने में ही रहते ही है। तभी तो जनपद के प्रभारीमंत्री रमाशंकर पटेल का विधान सभा मडिहान व रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के गृह नगर का विधानसभा को जोड़ने वाली मार्ग की हालत ऐसी है।
वर्जन
इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता डीपी सिंह ने कहा कि महीने भर पूर्व रोड़ का सर्वे कर शासन को प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है। जैसे ही स्वीकृति मिलती है वैसे ही कार्य कराया जायेगा।
क्षेत्रीय भाजपा विधायक शारदा प्रसाद ने कहा कि जब लोगों से इस मार्ग की शिकायत मिली तो तत्काल पीडब्लूडी के अधिकारियों को सूचित किया गया। जिसपर विभाग की ओर से सर्वे करके शासन को भेज दिया गया है। धन स्वीकृत होते ही कार्य को जल्द ही कराया जायेगा।