नौकरी के लिए जमीन और जेवर बेचकर दी थी लाखों की रकम, पीडि़तों ने सुनाई ठगी की दस्तां…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
कानपुर। खुद को भारतीय खाद्य निगम एफसीआइ बोर्ड का सदस्य बताकर नौकरी का झांसा देने वाले ठग का शिकार बने ज्यादातर लोग कर्जदार हो गए हैं। उसने फील्डगन फैक्ट्री के रिटायर्ड कर्मचारी राधेश्याम उपाध्याय और उनके परिचितों समेत 300 से ज्यादा लोगों से करोड़ों रुपये हड़पे। वर्तमान में फरार ठग दुर्गा शरण मिश्रा फरार है। उसके खिलाफ सोमवार को पुलिस को दिए गए बयान में पीडि़तों ने ये जानकारी दी। बताया कि किसी ने जमीन तो किसी ने जेवर बेचकर आरोपित को रकम दी थी। न नौकरी मिली और न ही रकम वापस हुई।
राष्ट्रीय मजदूर कांग्रेस इंटक के राष्ट्रीय महामंत्री केके तिवारी ने पिछले दिनों स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ के एडीजी अमिताभ यश से इस फर्जीवाड़े की शिकायत की थी। इसके बाद फजलगंज थाने में ठग दुर्गा शरण मिश्रा के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। अर्मापुर एस्टेट में रहने वाले फील्डगन फैक्ट्री के रिटायर्ड कर्मचारी राधेश्याम उपाध्याय इंटक की प्रदेश कार्यकारिणी में सदस्य भी हैं। उनकी मुलाकात अपने गृह जिले बलिया में दो साल पहले खुद को भारतीय खाद्य निगम एफसीआइ बोर्ड का सदस्य बताने वाले सीतापुर के बिसवां गोपालपुर निवासी दुर्गा शरण से हुई थी।
उसने उन्हें व उनके परिचितों के परिवार के बेरोजगार युवक.युवतियों की एसफसीआइ में नौकरी लगवाने का झांसा देकर प्रत्येक से नौ से 27 लाख रुपये तक ले लिए थे। साथ ही बलिया, कानपुर, लखनऊ आदि जिलों के 300 से ज्यादा बेरोजगारों से भी करोड़ों रुपये हड़पे। भरोसा दिलाने के लिए उसने एफसीआइ के फर्जी नियुक्ति पत्र भी दिए थे। जब पीडि़त नौकरी करने एफसीआइ के अलग.अलग कार्यालयों में पहुंचे तो फर्जीवाड़ा पता चला था। डीसीपी क्राइम सलमान ताज पाटिल ने बताया कि आरोपित की तलाश में दो टीमें लगाई गई हैं। पीडि़तों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।