इंटरमीडिएट व हाईस्कूल की मार्कशीट के नाम पर वसूली हुई तो होगी ऐसी कार्रवाई, देखते रह जाएंगे सब……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
हाथरस। कोरोना संक्रमण की वजह से इस साल यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के छात्रों को बोर्ड ने बिना परीक्षा कराए ही पास कर दिया। अब पास हुए विद्यार्थियों के अंकपत्र बोर्ड ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय को पिछले दिनों प्राप्त करा दिए। यदि विद्यालय संचालकों के द्वारा अंकपत्र देने के समय यदि विद्यार्थियों से अवैध वसूली की तो उनकी खैर नहीं। ऐसे विद्यालय संचालकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाइ्र जाएगी।
बिना परीक्षा के पास हुए छात्र.छात्राएं
जिले के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के 47 हजार परीक्षार्थियों को बिना परीक्षा कराए ही पास कर दिया गया। जिले के अधिकतर स्कूलों का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहने के बाद बोर्ड ने अंक तालिका जारी कर दी। अब महाविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया भी शुरू करा दी गई है। ऐसे में इंटरमीडिएट के परीक्षार्थियों को अंकपत्र की जरूरत पड़ रही है। पिछले दिनों जिला विद्यालय निरीक्षक रीतू गोयल ने निर्देश दिए थे। विद्यार्थी कालेज जाकर अपनी अंकपत्र प्राप्त कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्र के वित्तविहीन संचालक अंक पत्र देने के नाम पर विद्यार्थियों से अवैध वसूली करते हैं। जिसकी शिकायतें पूर्व में जिला विद्यालय निरीक्षक के पास तक पहुंची थी। अब जिला विद्यालय निरीक्षक रीतू गोयल ने स्पष्ट निर्देश विद्यालय संचालकों को दिए हैं। यदि किसी भी छात्र.छात्रा से यदि अंकपत्र देने के नाम पर अवैध वसूली की गई तो ऐसे संचालकों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
जारी रखनी होगी आनलाइन पढ़ाई
अलीगढ़ः कक्षा छह से आठवीं के जूनियर हाईस्कूल 16 अगस्त से खुल गए थे। तब भी विद्यार्थी कम संख्या में ही आने शुरू हुए थे। मगर प्राइमरी सेक्शन में विद्यार्थियों को भेजने के खिलाफ अभिभावक एसोसिएशन भी आ गया है। पदाधिकारियों का कहना है कि छोटे बच्चों को सरकार या सरकारी व्यवस्थाओं के सहारे विद्यालय नहीं भेजेंगे। ऐसे में विद्यार्थियों के विद्यालय आने की संख्या में कमी होने के आसार भी हैं। जो विद्यार्थी स्कूल नहीं आएंगे उनकी आनलाइन पढ़ाई बंद नहीं की जाएगी। बीएसए सत्येंद्र कुमार ढाका ने कहा कि शासन के आदेशानुसार अभी सरकारी व निजी स्कूलों में आनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था सुचारु रखनी होगी। अगर सभी विद्यार्थी आफलाइन माध्यम से पढ़ने आने लगे तो आनलाइन पढ़ाई की जरूरत नहीं होगी। तब दो पालियों में कक्षाएं संचालित की जाएंगी।