चंदौली : न्यायालय भवन निर्माण की मांग को लेकर अधिवक्ताओं ने सोमवार को सदर कचहरी परिसर में चिता सजाई। अधिकारियों की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ भी किया। इस दौरान पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो नोकझोंक भी हुई। शासन-प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। वहीं मांग पूरी न होने पर आंदोलन को उग्र रूप देने की चेतावनी दी।

जनपद सृजन के दो दशक बाद भी न्यायालय व जिला मुख्यालय का निर्माण नहीं हो सका है। कचहरी पंडित कमलापति त्रिपाठी राजकीय महाविद्यालय और सदर तहसील परिसर में संचालित होती है। इसकी वजह से तमाम तरह की परेशानी होती है। वहीं तमाम सरकारी कार्यालय भी किराए के भवनों में संचालित हो रहे हैं। इसको लेकर अधिवक्ता लामबंद हैं। एक सप्ताह से कचहरी में धरना दे रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक अधिकारी संवेदनहीन बने हुए हैं। अभी तक न तो कोई सक्षम अधिकारी मौके पर पहुंचा और न ही इस दिशा में कोई सार्थक पहल की गई। इससे नाराज अधिवक्ताओं ने सोमवार को कचहरी परिसर में चिता सजाई। इसको लेकर पुलिस पहले से ही अलर्ट रही। चिता के लिए लकड़ी ले जाते वक्त अधिवक्ताओं को रोकने की कोशिश की। इसको लेकर अधिवक्ताओं और वकीलों में जमकर नोकझोंक हुई। हालांकि वकीलों के उग्र रूप को देखते हुए पुलिस को बैकफुट पर आना पड़ा। चिता सजाने के बाद अधिवक्ताओं ने अधिकारियों की बुद्धि-शुद्धि के लिए यज्ञ किया। चेताया कि यदि जल्द प्रशासन हरकत में नहीं आया तो आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा। राजेंद्र प्रसाद पाठक, झन्मेजय सिंह, धनंजय सिंह, राकेशरत्न तिवारी व अन्य मौजूद रहे। सकलडीहा प्रतिनिधि के अनुसार : जनपद न्यायालय निर्माण की मांग को लेकर संयुक्त बार के अधिवक्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया। शासन के तानाशाही रवैये पर नाराजगी जताई। राजकुमार सिंह, अजय कुमार रंजन, जयप्रकाश नारायण, महामंत्री रामराज यादव, सुभाष सिंह, विजय प्रताप सिंह, सच्चिदानंद सिंह मौजूद थे।