जाप सुप्रीमो ने खुद तो किया था प्रेम विवाह, लेकिन दोस्त का लव अफेयर नहीं था मंजूर, जानिए अपहरण की पूरी कहनी…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
भागलपुर। जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव जेल में हैं। जेल में अस्वस्थ हो जाने के कारण उनका इलाज दरभंगा में चल रहा है। पटना में गिरफ्तारी के बाद पप्पू यादव को मधेपुरा लाया गया। जहां से अदालत में उन्हें न्यायिक हिरासत सुपौल में वीरपुर जेल भेज दिया। जेल में उन्हें बेहतर सुविधा नहीं मिलने के कारण वे भूख हड़ताल पर बैठ गए। खुद को बीमार बताया। इसके बाद उन्हें इलाज के लिए डीएमसीएच दरभंगा भेज दिया गया।
आइए आज हम आपको बताते हैं कि किस मामले में पप्पू यादव की गिरफ्तारी हुई है. मामला मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना का है। यहां रामकुमार यादव और उमा यादव के अपहरण हआ था। पप्पू यादव और उनके कई साथियों पर अपहरण का आरोप लगा और प्राथमिकी दर्ज की गई।
पप्पू यादव की जिन्दगी रोचक रही है। उनका अंदाज भी निराला है। पूर्व सांसद ने रंजीत रंजन की शादी है। शादी प्रेम प्रसंग पर आधारित है। पप्पू और रंजीत ने एक.दूसरे से प्रेम विवाह किया था। लेकिन कभी किसी ने सोचा नहीं था कि वे भी प्रेम के दुश्मन बन जाएंगे। आइए बातते हैं 32 साल पुराने केस की यह कहानी। इसी ममले में उनकी गिरफ्तारी हुई है। मामला वर्ष 1989 का है। उस समय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव पूर्णिया में रहकर पढ़ाई करते थे। इसी दौरान वे अक्सर मधेपुरा आते हैं। मुरलीगंज में उनके कई दोस्त थे। पप्पू यादव का एक दोस्त का एक लड़की से प्यार था। दोनों एक.दूसरे से शादी करना चाहता था। लेकिन पता नहीं पप्पू को यह बात पसंद नहीं आयी। वे खिलाफ हो गए। वे शादी नहीं होने देना चाहते थे। इसके बाद उनका साथियों से विवाद हो गया।
केपी कॉलेज के मैदान पर पप्पू यादव और उनके मित्रों में प्रेम विवाह को लेकर काफी विवाद हुआ। बहस भी हुई। एक.दो दिन बाद पप्पू के दास्त मुरलीगंज में एक दुकान पर पान खा रहे थे। पप्पू यादव कई लोगों के साथ आए। दो साथियों को उठाकर ले गए। इसके बाद उनके दोस्तों ने पुलिस को इसकी शिकायत की। पुलिस की सक्रियता से दो दिनों के बाद दोनों को छोड़ दिया गया। दोनों वापस आ गए।
इस बीच पप्पू यादव को किसी अन्य मामले में पुलिस ने पकड़ लिया। वे जेल चले गए। इस दौरान उस दोस्त की भी शादी हो गई। पप्पू के दोस्त ने अपनी प्रेमिका से शादी कर ली। जिसका विरोध पप्पू यादव करते थे। इसके बाद पप्पू यादव बेल पर आए। वे राजनीति में आ गए। 1990 में सिंहेश्वर से निर्दलीय विधायक बने। लेकिन इस प्रेम विवाह प्रकरण ने सभी दोस्त अलग.अलग कर दिया। दो गुटों में बंट गए।