किसानों के लिए राहत की खबर, अब यह जलाने पर अब नहीं होगी जेल…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली। पराली जलाकर दिल्ली.एनसीआर की हवा प्रदूषित करने वाले किसानों को अब जेल नहीं होगी। यही नहीं उन पर एक करोड़ रुपये तक के मोटे जुर्माने का प्रविधान भी खत्म कर दिया गया है। दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलनरत किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग का पुनर्गठन कर इस आशय की नई अधिसूचना से उक्त दोनों ही प्रविधान हटा लिए हैं। इसके अलावा आयाेग में एक सदस्य कृषि क्षेत्र से भी शामिल किया जा रहा है।
गौरतलब है कि जब अक्टूबर 2020 में 18 सदस्यीय आयोग का गठन हुआ था तो आयोग को पराली जलाने वाले किसानों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करने के अधिकार दिए गए थे। इनमें दोषी किसानों पर एक करोड़ रुपये तक का जुर्माना लगाने और पांच साल तक के लिए जेल भेजने का प्रविधान भी था। कृषि कानून विरोधी आंदोलनकारियों की मांगों में एक मांग यह प्रविधान हटाने की भी थी। पिछले दिनों जब केंद्र सरकार और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच विज्ञान भवन में बैठक हुई। तब भी इस मांग पर प्रमुखता से जोर दिया गया था। इसी के मददेनजर केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन से जुड़ी अन्य मांगों के साथ किसानों की इस मांग को भी स्वीकार कर लिया है।
जानकारी के मुताबिक 28 अक्टूबर 2020 को अधिसूचना के जरिये ही गठित किया गया यह आयोग 12 मार्च 2021 को भंग हो गया था। वजह यह थी कि सरकार इस आशय का विधेयक संसद में पेश नहीं कर पाई। लेकिन ऐंसा सोची समझी रणनीति के तहत ही किया गया था। दरअसल, कैबिनेट में पास पूर्व विधेयक में से उक्त प्रविधान हटाने के लिए विधेयक नए सिरे से तैयार कर कैबिनेट में लाया जाना था। इसीलिए इसे भंग करके नए सिरे से पुनर्गठित करने की योजना बनाई गई। अब आयोग के पुनर्गठन के नए विधेयक को कुछ बदलावों के साथ कैबिनेट की मंजूरी मिल गई है। इसीलिए इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। मानसून सत्र में यह विधेयक संसद में पेश कर दिया जाएगा।