Friday, May 3, 2024
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

सोमवार से शुरु होगा 8 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम, प्रदेश के 9 केंद्रों में से एक है…….मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण के तहत होगा…..देश भर के 160मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र किये जा रहे हैं संचालित…..कुलपति ने कहा…….

वाराणसी। शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ द्वारा शनिवार को राधाकृष्णन सभागार, पंत प्रशासनिक भवन में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। प्रेस वार्ता में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आनन्द कुमार त्यागी ने बताया कि शिक्षाशास्त्र विभाग को मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र के रूप में मान्यता मिलना काशी विद्यापीठ के लिए गर्व की बात है।

वर्तमान में देश के लगभग 50,000 उच्च शिक्षण संस्थानों से 160 मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र संचालित किये जा रहे है, जिसमें उत्तर प्रदेश के कुल 09 केन्द्रों में महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी भी एक है। बताया कि मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र, शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, वाराणसी द्वारा 08 अप्रैल, 2024 से एन.ई.पी. 2020 ओरिएंटेशन एण्ड सैसिटाइजेशन प्रोग्राम (एन.ई.पी. प्रमुख विषयों से सम्बन्धित) आठ दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। ऐसे कार्यक्रम से शिक्षकों को अपने कैरियर एडवांसमेंट के लिए अब इधर-उधर नहीं जाना पड़ेगा और शिक्षा बिना प्रभावित हुए शिक्षक की शिक्षण कार्यशैली बेहतर होगी।

प्रो. त्यागी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत भारतीय ज्ञान को सर्वसुलभ कराना और प्राचीन भारतीय शिक्षण पद्धति को बढ़ावा देना प्रमुख उद्देश्य है। मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्याक्रम द्वारा अध्यापकों में अकादमिक नेतृत्व क्षमता विकसित करना है। उन्होंने कहा कि हमें अपने छात्रों को एक अच्छे प्रोफेशनल्स बनाने के साथ ही उन्हें एक अच्छा एवं जिम्मेदार नागरिक भी बनाना है। पहले मानवीय गुणों के बारे में नहीं पढ़ाया जाता था, लेकिन राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में इस पर भी जोर दिया गया है।


मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र, शिक्षाशास्त्र विभाग, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के निदेशक प्रो. सुरेन्द्र राम ने बताया कि आठ दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिदिन 90 मिनट के दो सत्र हैं। कार्यक्रम आठ शीर्षक पर कुल सोलह उपशीर्षकों पर सम्पन्न होगा, जिसमें कुल दो सौ प्रतिभागी विभिन्न प्रदेशों के विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय से पंजीकृत हैं। पंजीकरण यू.जी.सी. के पोर्टल पर सम्पन्न होता है। रिसोर्स पर्सन का चयन भी यू.जी.सी. के पोर्टल पर उपलब्ध सूची से किया जाता है। इस कार्य हेतु पांच प्रदेश के आठ विश्वविद्यालय से कुल 16 रिसोर्स पर्सन की अनुमति प्राप्त हो चुकी है।

कोर्स संयोजक प्रो. रमाकान्त सिंह ने बताया कि मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत केन्द्र को वर्ष में सात प्रकार के कुल 36 कार्यक्रम आयोजित करने हैं, जिनमें एन.ई.पी. ओरिएंटेशन एण्ड सेसीटाइजेसन प्रोग्राम (आठ दिवसीय), ऑनलाईन फैकल्टी इडक्सन प्रोग्राम (24 दिवसीय), आवासीय एवं ऑनलाईन, शार्ट टर्म प्रोग्राम (06 दिवसीय) आवासीय एवं ऑनलाईन, रिफ्रसर कोर्स (12 दिवसीय) आवासीय एवं ऑनलाईन सम्पन्न कराना है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में उच्च शिक्षा के शिक्षकों को अभिप्रेरित, ऊर्जावान, सशक्त एवं क्षमताशील होने की आवश्यकता को रेखांकित किया गया है। सभी स्तर के शिक्षकों में क्षमता सम्वर्धन पर प्रमुखता से कार्य किया जाना है। भारत वर्ष में पण्डित मदन मोहन मालवीय नैशनल मिशन ऑन टीचर्स एण्ड टीचिंग सेन्टर (PMMMNMTT) के द्वारा शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू होने के पश्चात इसे परिष्कृत करते हुए मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (MMTTP) के नाम से लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा के शिक्षण, शोध प्रकाशन, पेटेन्ट एवं संस्थागत विकास में भारतीय मूल्य और नैतिकता को सम्बंधित कर उच्च शिक्षा को परिशोधन करना है।

मालवीय मिशन शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम का लक्ष्य वर्तमान एवं तात्कालिक मुद्दों जैसे कि प्रशिक्षित शिक्षकों की उपलब्धता, प्रतिभाओं को शिक्षण के लिए प्रोत्साहित करना तथा महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में शिक्षण की गुणवत्ता को उन्नत करना है। विशेष रूप से अपने कैरियर के शुरूआती चरण में विभिन्न स्तरों पर संकाय को प्रशिक्षित करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने संकाय नेतृत्व विकास कार्यक्रम की संकल्पना की है, जिसका नाम है- भविष्य के नेतृत्व कार्यक्रम। इसका उद्देश्य शिक्षा की गुणवत्ता और शिक्षकों की समग्र सद्भावना में सुधार करना है। भारतीय ज्ञान परम्परा एवं भारतीय मूल्य के द्वारा शिक्षकों में उत्कृष्टता एवं गुणवत्ता को बढ़ावा देकर सभी स्तरों पर शिक्षा के स्तर में सुधार करना है।

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