रेल बजट से 53 साल का सूखा समाप्त होने की आस, क्या इस बार पूरा होगा संभल के लोगों का सपना?
संभल। संभल में हातिम सराय रेलवे स्टेशन आखिरी है। यहां मुरादाबाद से दो बोगी वाली रेल बस तो है, लेकिन दिल्ली तक की सीधी रेल सेवा नहीं। लाइन ही नहीं तो ट्रेन कहां से दौड़ेगी। 2017 के रेल बजट में उम्मीद जगी थी। संभल से गजरौला तक नई रेल लाइन का प्रस्ताव पास भी हुआ, लेकिन आय न होने का हवाला देते हुए इसे ठंडे बस्ते डाला गय। हालांकि, इसके पहले स्थलीय सत्यपान हुआ तो सपना पूरा होता भी दिखा।
हर साल की तरह इस बार भी गुरुवार के रेल बजट से उम्मीद परवान चढ़ेगी। 53 साल का सूखा समाप्त होने की आस। नई रेल लाइन की उम्मीद। सीधी दिल्ली तक रेल सेवा और विकास को नई रफ्तार मिले इस आस के साथ गुरुवार की सुबह का पहला सूरज लोग देखेंगे।
आज भी रेल सेवा से वंचित हैं संभल के लोग
राजधानी से महज 165 किलोमीटर की दूरी पर स्थित संभल के बाशिदें आज भी रेल सेवा से पूरी तरह से वंचित हैं। नाम के लिए मुरादाबाद से बिलारी होकर रेल लाइन संभल के हातिम सराय तक बिछी है, लेकिन यहां के आगे रेल लाइन बंद है।
रेल लाइन की मांग कर रहे संभल के लोग
अब इसी का विस्तार गजरौला तक करने की मांग पिछले कई दशक से हो रही है और सुनवाई नहीं है। स्थानीय संगठन जहां अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं वहीं सरकार के स्तर पर एक मजबूत पहल की उम्मीद स्थानीय लोगों को है। इस बार के बजट में संभल के लोग भाजपा की सरकार से रेल मांग रहे हैं।
बजट आता है तब शहर के निवासियों की आखें दिल्ली में लग जाती हैं। रेल लाइन के विस्तारीकरण को लेकर उम्मीद बनती है। कब हातिम सराय स्टेशन गुलजार होगा, कब रेल लाइन बनेगी और कब एक्सप्रेस ट्रेन गुजरेगी। 53 वर्षों से शहर के लोग ही नहीं पड़ोसी जनपद अमरोहा के लोग भी आस लगाए बैठे हैं। उनका सपना हर साल जनवरी में परवान चढ़ता है और टूट जाता है। इस बार भी लोग बड़ी उम्मीद से सरकार की ओर टकटकी लगाए बैठे हैं।
रेल मंत्री को लोग पोस्टकार्ड पर हस्ताक्षर करके भेज रहे हैं, ताकि बजट में संभल-गजरौला लाइन को शामिल कर धन आवंटित करें। यह रेलवे लाइन बनने से आमजन को तो फायदा होगा ही, लेकिन रेल विभाग के हित में भी रहेगा।
चूंकि मुरादाबाद जंक्शन पर बढ़ता ट्रेनों व यात्रियों का बोझ कुछ कम हो जाएगा। लखनऊ, बिहार, कोलकाता और दिल्ली जाने वाले यात्री मुरादाबाद के बजाए वाया संभल होकर जाएंगे तो यहां के विकास को पंख लगेंगे। अभी तक संभल के हातिम सराय से मुरादाबाद तक के बीच की तकरीबन 45 किलोमीटर की दूरी के लिए रेलवे की तरफ से यहां दो डीएमयू चलाई जा रही है। हालांकि, इसका समय भी निर्धारित नहीं है। जब मन करता है आती है जब मन करता चली जाती है।
3 फरवरी 2017 बजट हुआ था मंजूर
संभल। हातिम सराय सम्भल स्टेशन से गजरौला तक रेल लाइन विस्तारीकरण का प्रस्ताव 3 फरवरी 2017 को रेल बजट में पास हुआ था। उसी बजट में केदारनाथ तक नई रेल लाइन और बरेली से अलीगढ़ तक ट्रैक के दोहरीकरण को स्वीकृति भी मिली थी। पर यह योजना परवान नहीं चढ पाई।
सीधा होगा फायदा
– रेल सेवा से छोटे स्तर पर ही सही रोजगार सृजन भी होगा।
– रात में यदि किसी को मुरादाबाद या दिल्ली जाना हो तो उन्हें निजी वाहन का सहारा नहीं लेना पड़ेगा।
– संभल से हर दिन सैकड़ों लोग दिल्ली, पंजाब व मुंबई के लिए जाते हैं।
– यहां के हजारों लोग मुंबई, दिल्ली आदि जगहों पर भी नौकरी व कारोबार करते हैं।
– यहां हैंडीक्राफ्ट के सामान की लोडिंग माल गाडी में की जा सकती है।
– यहां कंटेनर के जरिए निर्यात का सामान मुंबई पहुंचा जा सकेगा।