Thursday, May 16, 2024
नई दिल्ली

भाजपा सांसद का भाई करोड़ों की लकड़ी तस्करी में गिरफ्तार, 126 पेड़ काटने का आरोप…संसद में घुसे दोनों युवकों को सांसद की सिफारिश पर ही पास जारी किए गए थे..

राष्ट्रीय डेस्क 

नईदिल्ली, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क ।

कर्नाटक में कर्नाटक वन विभाग के अधिकारियों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद प्रताप सिम्हा के भाई विक्रम सिम्हा को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। विक्रम पर राज्य के हासन जिले के एक गांव में सरकारी जमीन से बिना अनुमति करीब 126 पेड़ काटने और लकड़ी की तस्करी का आरोप है। ये पेड़ करोड़ों रुपये के बताए गए हैं। प्रताप सिम्हा हाल ही में संसद की सुरक्षा चूक के मामले में चर्चा में आए थे। स्मोक केन लेकर संसद में घुसे दोनों युवकों को सिम्हा की सिफारिश पर ही पास जारी किए गए थे।

मामले की जांच कर रहे अधिकारी डॉ. प्रभुगौड़ा बिरादर के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने एसीपी (क्राइम सेल) बेंगलुरु की मदद से विक्रम को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि विक्रम पहले जांच अधिकारी के सामने पेश होने से बचता था। उपलब्ध दस्तावेजों में भी विक्रम की अपराध में संलिप्तता का संकेत देते हैं। बाद में इलेक्ट्रॉनिक निगरानी से सुराग मिला कि वह हासन से भाग चुका है और बेंगलुरु में है। सादे कपड़ों में वन विभाग के अधिकारियों की एक टीम को बेंगलुरु भेजा गया और संदिग्ध की गतिविधियों पर नजर रखी। स्थानीय पुलिस की मदद से टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया।

अधिकारियों ने बताया कि वन अधिनियम के तहत संरक्षित 126 से अधिक पेड़ों को बिना अनुमति के काटा गया है। जिस वन भूमि पर पेड़ काटे गए वह सरकारी स्वामित्व में थी और दो लोगों को आवंटित की गई थी। 12 एकड़ में फैली यह भूमि पशु चारागाह है। इस मामले में राज्य वन विभाग ने विक्रम सिम्हा के खिलाफ नंदगोंडनहल्ली गांव में अधिकारियों से इजाजत के बिना पेड़ काटने और लकड़ी की तस्करी के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की।


मंत्री ने की गिरफ्तारी की पुष्टि
राज्य के वन मंत्री ईश्वर खंड्रे ने कहा कि विक्रम सिम्हा को अधिकारियों ने राज्य के हसन जिले में 126 पेड़ों को अवैध रूप से काटने और लकड़ी बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया है।। यह एक आपराधिक कृत्य है।

विक्रम ने दी सफाई
विक्रम ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि यह लोकसभा चुनाव की पृष्ठभूमि में मेरे भाई को निशाना बनाने की साजिश है। मैंने कोई पेड़ नहीं काटा। मैंने अदरक उगाने के लिए 24 जुलाई से एक साल के लिए उस जमीन का अनुबंध किया था। पता नहीं पेड़ कैसे गिरे। उन्होंने कहा कि यह एक राजनीतिक साजिश है।

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