Monday, April 29, 2024
उत्तर-प्रदेशमेरठ

बिना टिकट यात्रियों से रेलवे ने कमा लिए इतने करोड़, आरटीआइ में मिलीं ये जानकारियां…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

मेरठ। फ्री में रेल की यात्रा करने वाले यात्रियों से भी रेलवे ने मेरठ क्षेत्र में पिछले साढ़े तीन साल के भीतर 120 करोड़ रुपये की भारी भरकम राशि जुटा ली। इनमें बिना टिकट, अनियमित टिकट और बिना बुक किए ले जाया जा रहा सामान शामिल है। यह राशि 29.83 लाख यात्रियों को पकड़कर वसूल की गई है। यह बात भी चौंकाने वाली है कि रेलवे ने केवल मेरठ क्षेत्र की जनता से बिना यात्रा कराए ही 4.69 करोड़ की आय कर ली। यह राशि उसे आरक्षित श्रेणी के टिकटों को कैंसिल करने पर मिली है।

आरटीआइ के माध्यम से सूचना

आरटीआइ कार्यकर्ता मनोज चौधरी ने उत्तरी रेलवे मुख्यालय से मेरठ जनपद के मेरठ सिटी और मेरठ कैंट रेलवे स्टेशनों की कमाई और खर्च से जुड़े बिंदुओं पर आरटीआइ के माध्यम से सूचना मांगी थी। जिसके जवाब में रेलवे ने यह रोचक जानकारी दी है। रेलवे के जवाब में स्पष्ट बताया गया है कि मेरठ के दोनों स्टेशनों से लेकर दिल्ली के बीच के स्टेशनों पर बिना टिकट यात्रा करने वाले यात्रियों, आधे अधूरे टिकट के साथ पकड़े गए लोगों तथा बिना बुकिंग के ही रेल में पकड़े गए सामान से अप्रैल 2018 से लेकर जुलाई 2021 के बीच 29.83 लाख यात्रियों से कुल 120.08 करोड़ रुपये की वसूली जुर्माने के रूप में की गई।

ऐसे हुई कमाई

आरटीआइ के मुताबिक जिन यात्रियों ने टिकट आरक्षित कराया और उसके बाद यात्रा नहीं की। टिकट कैंसिल हो गया और रेलवे ने उनकी सीट दूसरे यात्रियों को दे दी। रेलवे ने दूसरे यात्री से तो टिकट के पूरे पैसे ले लिए लेकिन टिकट कैंसिल करने के बदले में भी खासी वसूली कर ली। अप्रैल 2018 से अगस्त 2021 तक रेलवे ने मेरठ कैंट और मेरठ शहर स्टेशनों से बुक और उसके बाद कैंसिल कराए गए टिकटों के माध्यम से 4.69 करोड़ रुपये की कमाई की। वर्ष 2018 में सिटी स्टेशन से 1.23 करोड़ रुपये और कैंट से 14 लाख रुपये की आय हुई। वर्ष 2019 में सिटी स्टेशन से 1.48 करोड़ रुपये और कैंट से 15.97 लाख की आय हुई। वर्ष 2020 में कोरोना का प्रभाव रहा। जिसके कारण इस वर्ष में सिटी स्टेशन से 61.14 लाख रुपये और कैंट स्टेशन से 7.32 लाख रुपये की आय हुई। वर्ष 2021 में एक जनवरी से 26 अगस्त तक रेलवे को सिटी स्टेशन से 88.33 लाख रुपये व कैंट से 10.94 लाख रुपये की आमदनी हुई।

 

 

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