क्षेत्रीय कार्यालय पर धरने पर बैठे यूपी बोर्ड के सैकड़ों छात्र, पुलिस से हुई झड़प. जमकर हंगामा…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मेरठ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय मेरठ के सामने आज सुबह से सैकड़ों छात्र धरने पर बैठे हुए हैं। बिना अंक के बोर्ड परीक्षा में प्रमोट किए गए छात्रों का आरोप है कि वह न ही कहीं प्रवेश प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं और न ही अपना रिजल्ट ही किसी को बता सकते हैं। छात्रों को बार.बार दोबारा आवेदन कर बोर्ड परीक्षा में शामिल करने को कहा गया है लेकिन छात्रों का कहना है कि वह जब एक या दो विषयों में ही फेल है तो पूरी परीक्षा क्यों दिलाई जा रही है। इस सवाल का जवाब बोर्ड के पास भी नहीं है।
क्षेत्रीय बोर्ड सचिव राणा सहस्त्रांशु कुमार सुमन ने सुबह से अब तक तीन बार छात्रों को स्थिति से अवगत कराने की कोशिश की है। लेकिन छात्र अपनी मांग पर अड़े हुए हैं। छात्रों का कहना है कि उनके प्री बोर्ड के अंक स्कूलों ने नहीं भेजें। उसके पहले कक्षा दसवीं व 12वीं में उन्होंने परीक्षाएं दी थी। उसके आधार पर उन्हें पास क्यों नहीं किया गया। मेरठ परिक्षेत्र कार्यालय के अंतर्गत आने वाले 4 मंडलों व 17 जिलों में 50,000 से अधिक छात्र ऐसे हैं जो बिना अंक के बोर्ड परीक्षा में प्रमोट किए गए हैं। इन छात्रों में अधिकतर छात्र ऐसे हैं जो इन्हें एक या दो विषयों में फेल हैं। बोर्ड ने उन्हें उसी अंक के आधार पर प्रमोट किया है। इसलिए फेल वाले अंक उनके मार्कशीट में नहीं चढ़ाए गए हैं।
ऐसे छात्रों के लिए दोबारा बोर्ड परीक्षा कराई जा रही है लेकिन छात्र बोर्ड परीक्षा देने को तैयार नहीं है। छात्रों की मांग है कि उन्हें पुराने अंकों के आधार पर ही प्रमोट किया जाए जिससे वह इस साल की भर्तियों व प्रवेश प्रक्रिया में शामिल हो सकें। मौके पर यूपी बोर्ड के 10वीं व 12वीं के छात्रों की अगुवाई कर रहे छात्र नेताओं और पुलिस के बीच जमकर कहासुनी और झड़प हुई। पुलिस ने कहा कि विश्वविद्यालय से ब्लैक लिस्ट छात्र यहां अन्य छात्रों को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं। वह ऐसा न करें। इस पर छात्र नेताओं ने हंगामा कर दिया और दोनों ओर से काफी कहासुनी हुई।
छात्र अभी भी धरने पर बैठे हुए हैं और अपनी मांगों के अनुरूप कोई समाधान लेकर जाना चाहते हैं। क्षेत्रीय बोर्ड सचिव का कहना है छात्र जो मांग कर रहे हैं उसकी कार्रवाई क्षेत्रीय कार्यालय से नहीं की जा सकती। परिषद मुख्यालय ने ऐसे सभी छात्रों को 27 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन करने का अवसर दिया था जिसकी परीक्षा अगले महीने होनी है। इसके आगे की कार्रवाई का निर्णय शासन या परिषद मुख्यालय से ही लिया जा सकता है।