दारोगा की हरकरत बनी जीवन भर का मलाल, बेटे का अंतिम दर्शन भी नहीं कर पाई मां…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मेरठ। दारोगा की एक हरकत एक महिला के लिए जीवन भर का मलाल बन गया। अंतिम समय में अपने बेटे का चेहरा नहीं देख पाई मां ने शिकायत की तो मामले का खुलासा हुआ। दरअसल, पता होने के बावजूद दारोगा ने युवक के शव का लावारिस में अंतिम संस्कार करा दिया। आखिरी समय में बेटे का चेहरा भी नहीं देख पाई मां ने दारोगा को खूब खरी.खोटी सुनाई। थाने में शिकायत पत्र देने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर अब महिला ने एसएसपी आफिस में शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस की सफाई है कि यह सब भूलवश हुआ।
तीन माह पूर्व सूरज की हुई थी मृत्यू
मूल रूप से जानी के ग्राम चौबला निवासी संगीता पत्नी लोकेंद्र पंवार रोहटा रोड स्थित एक कालोनी में स्वजन संग रहते हैं। महिला के मुताबिक बीती 4 जून को उनके इकलौते बेटे सूरज पंवार को उसका दोस्त गौरव बाइक पर बैठाकर ले गया था। वह घर नहीं लौटा तो स्वजन ने संबंधित थाना पुलिस से संपर्क किया। सरधना पुलिस को ग्राम ईकड़ी के पास सूरज मृत और गौरव घायल अवस्था में मिला था। दारोगा दौलत राम मीणा ने शव मर्चरी भिजवा दिया और गौरव को मेडिकल कालेज में भर्ती करा दिया। महिला का आरोप है कि पता होने के बाद भी दारोगा व अन्य पुलिसकर्मियों ने सूरज के शव का अंतिम संस्कार लावारिस में करा दिया। महिला का कहना है कि तीन माह बीतने के बाद भी थाना स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
कार्रवाई के निर्देश
सीओ आफिस रुपाली राय ने सरधना थाना प्रभारी बृजेश कुमार को मामले में जांच कर निष्पक्ष कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पूरी शिकायत जानने के बाद कहा कि हो सकता है कि ऐसा किसी अन्य वजह से हुआ है। जांच के बाद यह मामला स्पष्ट हा जाएगा। उन्होंने कहा कि दोषी पाए जाने पर दारोगा के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।