अजब गजब, धर्म परिवर्तन की आड़ में बन गए ग्राम प्रधान, अब गंवानी पड़ेगी प्रधानी…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
सिद्धार्थनगर। उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले में हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां पिता के मुस्लिम युवती से शादी करने के आधार पर पिछड़ी जाति के आरक्षण का लाभ लेकर ग्राम प्रधान बने शहाबुद्दीन की प्रधानी खत्म होने वाली है। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में गठित टीम ने जांच के बाद उनका पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र निरस्त कर दिया है।
25 साल पहले मुस्लिम महिला से की थी शादीः जोगी जाति की मुस्लिम युवती से 25 वर्ष पहले शादी कर रामदत्त उपाध्याय से दीन मोहम्मद बने रामदत् के बेटे शहाबुद्दीन ने पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी करा लिया था। जांच टीम ने पाया है कि रामदत्त उपाध्याय पिछड़ी जाति की मुस्लिम युवती से शादी कर दीन मोहम्मद बन गए। लेकिन मतांतरण का उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है। अतः बेटे को पिछड़ी जाति का प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा सकता। टीम ने सुप्रीम कोर्ट के नीता सिंह बनाम सुनीता सिंह और मोहम्मद सिद्दीकी बनाम दरबारा सिंह के मामले में दिए गए फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मात्र मतांतरण के आधार पर जाति परिवर्तन नहीं हो सकता है।