जुगाड़ से तबादला रुकवाने वालों पर प्रहार! एक ही जिले में जमे नहीं रह पाएंगे पुलिसकर्मी, एसपी को देना होगा जवाब……..
भागलपुर। पुलिस मुख्यालय के वरीय अधिकारियों का मानना है कि तबादले के नियम का सही तरीके से पालन नहीं होने के कारण विभाग में कई तरह की विसंगतियां आ गई हैं। पैरवी व पहुंच के बल पर पुलिसकर्मी एक ही जिले में खूंटा गाड़कर रहना चाह रहे हैं।
कोसी और सीमांचल के विभिन्न जिलों में ऐसे पुलिसकर्मियों की संख्या लगभग 150 से अधिक है। मुख्यालय के तबादले का आदेश जारी होने के बावजूद ये पुलिसकर्मी जिला या रेंज स्तर के पुलिस पदाधिकारियों से मिलकर अपने तबादले के आदेश को प्रभावी नहीं होने देते हैं।
आईजी व डीआईजी को यह दी गई जिम्मेदारी
पुलिस मुख्यालय ने इस खेल को पकड़ा है। आईजी व डीआईजी को यह जिम्मेदारी दी गई है कि इस आदेश का अनुपालन हर हाल में कराएं। पुलिस मुख्यालय के सहायक पुलिस महानिरीक्षक कल्याण ने यह आदेश जारी किया है कि पूर्व में स्थानांतरित पुलिसकर्मियों को अविलंब विरमित करें।
यदि कोई एसपी विरमित करने में कोताही बरतते हैं तो उससे स्पष्टीकरण मांगे। स्पष्टीकरण का जवाब हरहाल में पुलिस मुख्यालय को उपलब्ध कराएं। डीआईजी व आईजी को यह भी कहा गया है कि वे विभिन्न जिलों में तैनात ऐसे पुलिसकर्मियों को चिह्नित करें और एसपी पर विरमित करने का दबाव बनाएं।
आदेश का नहीं होता अनुपालन
मालूम हो कि पुलिस में यह व्यवस्था है कि एक जिले में कोई पुलिसकर्मी छह वर्ष, एक रेंज में आठ वर्ष व एक जोन में 10 वर्ष ही रह सकता है। लेकिन वरीय पदाधिकारियों के कार्यालय में कार्यरत कर्मी और अंगरक्षक अधिकारियों से निकटता का लाभ उठाकर मुख्यालय के आदेश पर भी विरमित नहीं किए जाते हैं।
कई ऐसे भी पुलिसकर्मी हैं जिन्हें वरीय अधिकारी निजी हित के लिए रखते हैं। इस कारण वरीय अधिकारियों की कृपा ऐसे पुलिसकर्मियों पर बरसती रहती है। कुछ पुलिसकर्मी इतने चतुर हैं कि जिला से तबादला होने के बाद वे अपनी सेवा सीआईडी और रेलवे में देने के बहाने फिर उसी जिले में तैनात हो जाते हैं।
जुगाड़ बैठाकर वापस जिले में लौट आते हैं पुलिसकर्मी
अररिया के एक वरीय पुलिस अधिकारी के कार्यालय में कार्यरत कर्मी का तबादला मुख्यालय के निर्देश पर किया गया। लेकिन उस आदेश का अनुपालन नहीं हुआ। उसी पुलिसकर्मी का तबादला कटिहार व पूर्णिया जिले में किया गया। वह फिर अपना जुगाड़ बैठाकर अररिया में ही लौट गया।
यह स्थिति अररिया ही नहीं कोसी व सीमांचल के कई जिलों में है। यहां बड़े अधिकारियों के कार्यालयों में उनके कृपापात्र कर्मी मुख्यालय से तबादले का आदेश आने के बाद भी जमे हुए हैं।