यहां पर महिलाओं से बर्बरता मामले में एसी सख्त, डीजीपी को पेश होने का आदेश…..
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट महिलाओं के वीडियो के मामले सहित मणिपुर जातीय हिंसा से संबंधित कई याचिकाओं पर सुनवाई करेगा। साथ ही सुप्रीम कोर्ट केंद्र द्वारा दायर हलफनामे पर भी विचार करेगा।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने एसआइटी और उच्च स्तरीय समिति गठित करने के संकेत दिए थे। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि वह सेवानिवृत महिला न्यायाधीश और क्षेत्र के विशेषज्ञ की एक कमेटी भी गठित करने पर विचार कर सकता है जो कि पीड़ितों से मिल कर उनसे बात कर बयान दर्ज करे उनके दुख दर्द समझे।
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को दिए ये आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से कहा कि वह मणिपुर वायरल वीडियो मामले में दो पीड़ित महिलाओं के बयान की रिकॉर्डिंग आज दोपहर 2 बजे मुख्य मामले की सुनवाई तक रोक दे। इसके अलावा सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को आदेश दिया की वह आज की सुनवाई के नतीजे का इंतजार करने के लिए सीबीआई को बताएं।
मणिपुर पुलिस ने कितनी गिरफ्तारियां की
सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा अगर कानून और व्यवस्था तंत्र लोगों की रक्षा नहीं कर सकता है तो उनका क्या होगा/ सॉलिसिटर जनरल का कहना है कि हमने मामले को सीबीआई को स्थानांतरित कर दिया है। जब सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि मणिपुर पुलिस ने कितनी गिरफ्तारियां की हैं तो सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि 250 गिरफ्तारियां की गई हैं और 12,000 गिरफ्तारियां निवारक उपायों के रूप में की गई हैं।
डीजीपी ने क्या कर लिया
सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया की क्या पुलिस ने कोई गिरफ्तारी की हैघ् क्या इतने महीनों में डीजीपी ने यह जानने की परवाह की। उन्होंने क्या कर लिया है यह उनका कर्तव्य है। क्या उन्होंने पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की।
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि मामलों के घटित होने और एफआईआर दर्ज करने में काफी चूक हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर के डीजीपी को शुक्रवार को दोपहर 2 बजे अदालत के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश दिए है।