Friday, May 3, 2024
बिहार

सांप के काटने पर अस्पताल में तंत्र.मंत्र का खेल, महिला ओझा ने किया अर्धनग्न और फिर करने लगी झाड़.फूंक…..

आरा। भोजपुर जिले के सदर अस्पताल, आरा से एक हैरान करने वाली तस्वीर सामने आई है। यहां एक अधेड़ को सांप के काटने के बाद अस्पताल तो ले जाया गया। लेकिन अस्पताल पहुंचकर डॉक्टर से इलाज कराने के बाद स्वजन एक महिला ओझा को झाड़.फूंक करने के लिए ले आए।

करीब बीस मिनट तक चला अंधविश्वास का खेल

इस दौरान सदर अस्पताल के इमरजेंसी गेट के पास करीब बीस मिनट तक अंधविश्वास का खेल चलता रहा। महिला ओझा द्वारा पहले इमरजेंसी गेट के सामने अधेड़ का कुर्ता खुलवाकर अर्धनग्न हालत में में जमीन पर बैठाया गया।

इसके बाद एक पीतल की थाली को पीड़ित की पीठ पर सटाया गया। जिसके बाद महिला ओझा ने मिट्टी के कुछ ढेलो को मंत्र उच्चारण करते हुए थाली पर फेंका।

अस्पताल के कर्मचारी और सुरक्षा गार्ड झाड़.फूंक करने वाली ओझा को रोकने के बजाय मूकदर्शक बनकर देखते रहे। दरअसलए इन दिनों सांप के काटने के बाद लोग तंत्र.मंत्र के चक्कर में पड़कर अपनी जान गंवा रहे हैं।

अस्पताल लाने के बाद ओझा महिला को बुलाया गया

उदवंतनगर थाना क्षेत्र के रघुनी पुर गांव निवासी स्वर्गीय इंद्रदेव सिंह के 52 वर्षीय पुत्र बिटेश्वर सिंह को सोमवार की देर शाम किसी विषैले सांप ने काट लिया था। सांप के डसते ही बिटेश्वर सिंह ने पहले सांप को मारा। इसके बाद इसकी सूचना स्वजन को दी। जिसके बाद स्वजन तत्काल अधेड़ को लेकर आनन.फानन में सदर अस्पताल पहुंचे।

डॉक्टर ने तत्काल इलाज शुरू कर दिया। प्राथमिक उपचार के बाद अधेड़ के स्वजन ने झाड़.फूंक करने वाली एक महिला को बुला लिया। इसके बाद महिला ने इमरजेंसी के गेट पर झाड़.फूंक करना शुरू कर दिया।

अंधेरे में सांप पर पड़ गया पैर

बिटेश्वर सिंह ने बताया कि वे अपने घर से दूध लेकर सरकारी बंगले के पास दूध देने के लिए जा रहे थे। तभी अंधेरा होने के कारण उसका सांप पर पैर पड़ गया। पैर पड़ते ही सांप ने पैर की उंगली में डस लिया। बिटेश्वर ने किसी तरह सांप को अपने पैर से अलग किया और उसे मार दिया। इसके बाद बिटेश्वर को इलाज के लिए सदर अस्पताल लाया गया।

डॉक्टर ने इलाज किया और बोले कि तीन.चार घंटे अब अस्पताल में रहकर स्थिति को देखा जाएगा। इसके बाद परिवार वालों ने अपने मन की शांति के लिए महिला ओझा से झाड़, फूंक करा ली। इधर महिला ओझा मनोरमा देवी ने बताया कि वह बचपन से ही अपने पिता से सीखकर झाड़.फूंक करने का काम कर रही है।

 

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