Friday, May 3, 2024
उत्तर-प्रदेशलखनऊ

दौलत ने बनाया बेवफा, पैसे के आगे भूल गई बचपन का प्यार….दूसरे प्रेमी से करा दी ब्वॉयफ्रेंड की हत्या…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

फर्रुखाबाद निवासी बीएससी के छात्र देवांश यादव 23 वर्ष के अपहरण और हत्या की गुत्थी पुलिस ने एक महीने बाद रविवार को सुलझ गई। प्रकरण को लेकर देवांश की प्रेमिका और कानपुर के कल्याणपुर थाना के आवास विकास केशवपुरम की रहने वाली बीएचयू की एमकॉम की छात्रा अनुष्का तिवारी व उसके प्रेमी जौनपुर के मड़ियाहूं क्षेत्र के गोला बाजार के राहुल सेठ और कार चालक मड़ियाहूं के मोहल्ला काजीकोट के सादाब आलम को रविवार को गिरफ्तार किया गया।

तीनों को अदालत में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया। फर्रुखाबाद जिले के मऊ दरवाजा थाना क्षेत्र के कुइयावूट बाईपास निवासी शिक्षक रामकिशोर यादव का इकलौता बेटा देवांश यादव बीएससी तृतीय वर्ष का छात्र था। बीते 25 मई को देवांश वाराणसी घूमने जाने की बात कहकर घर से निकला था।

हालांकि वह बीएचयू में पढ़ने वाली अपनी प्रेमिका अनुष्का से मिलने आया था। 26 मई को देवांश ने अपने दोस्त श्रीवत्स को बताया था कि वह अस्सी क्षेत्र स्थित एक होटल में ठहरा है। इसके बाद देवांश का मोबाइल स्विच ऑफ बताने लगा। देवांश की खोजबीन करते हुए उसके मां.बाप वाराणसी आए और 29 मई को भेलूपुर थाने में उसकी गुमशुदगी दर्ज कराई।

काफी खोजबीन के बाद भी देवांश का पता नहीं लगा तो देवांश के पिता रामकिशोर ने आठ जून को भेलूपुर थाने में अनुष्का और उसके पिता व चाचा के खिलाफ अपने बेटे के अपहरण और धमकाने के आरोप में मुकदमा दर्ज कराया। सर्विलांस प्रभारी अंजनी पांडेय और अस्सी चौकी प्रभारी राजकुमार वर्मा का सर्विलांस और सीसी कैमरों की फुटेज की मदद से अनुष्का और राहुल पर शक गहराया। दोनों से पूछताछ शुरू हुई तो वारदात की गुत्थी परत दर परत सुलझती चली गई।

राहुल के पैसे के कारण छोड़ी थी देवांश का साथ

पुलिस की पूछताछ में अनुष्का ने बताया कि वह और देवांश कक्षा छह से नौ तक कानपुर में साथ पढ़े थे। उसी दौरान की दोस्ती बाद में प्यार में बदल गई। पढ़ाई के लिए बनारस आने के बाद भी वह और देवांश लगातार एक.दूसरे के संपर्क में थे। अनुष्का ने बताया कि सालभर से ज्यादा समय पहले ऑनलाइन मार्केटिंग के कामकाज के दौरान ही उसकी जान.पहचान राहुल से हुई।

राहुल अपने बड़े भाई के स्क्रैप के कारोबार में हाथ बंटाता था। इसके अलावा वह मुंबई में ऑनलाइन मार्केटिंग का काम भी बड़े पैमाने पर करता था। पैसे वाला राहुल उस पर जी खोल कर खर्च करता था। इस वजह से वह उसे पसंद करने लगी और देवांश से दूरी बनाने लगी। देवांश को इसकी जानकारी हुई तो वह आपत्ति जताने लगा और राहुल से दूर रहने के लिए कहने लगा।

देवांश की आपत्ति से परेशान होकर उससे छुटकारा पाने के लिए उसने राहुल से कहा। इस पर राहुल ने कहा कि वह अपने दोस्त की मदद से देवांश का काम तमाम कर देगा, उसे बनारस बुलाओ। राहुल के कहने पर ही वह देवांश को व्हाट्स एप कॉल कर बुलाई तो वह 25 मई को वाराणसी आया।

26 मई की रात ही गिट्टी पर पटका और पेचकस घोंपा
पुलिस को अनुष्का ने बताया कि 26 मई को वह कार लेकर अस्सी पुलिया के पास देवांश से मिली। कार को राहुल का दोस्त सादाब आलम चला रहा था। कार के पीछे स्कूटी लेकर राहुल चल रहा था।

रास्ते में देवांश को अपने प्यार का वास्ता देकर जूस में नींद की गोली मिलाकर पिला दी। देवांश बेहोश हो गया तो कार से उसे चंदौली जिले के सिंघी ताली पुलिया के आगे ले जाया गया। रास्ते में टोल प्लाजा के कैमरे में न आने के लिए लिंक मार्ग का इस्तेमाल किया गया।

सिंघी ताली पुलिया के आगे सुनसान स्थान देख कर कार रोकी गई। कार से देवांश को नीचे उतार कर राहुल और सादाब ने उसे गिट्टी के ढेर पर पटक.पटक कर मारा। इसके बाद राहुल ने देवांश के गले और सीने पर पेचकस से ताबड़तोड़ कई वार किए।
फिर, गुस्से में ही पिस्टल से अंधेरे में फायरिंग भी की। इसके बाद राहुल ने देवांश का मोबाइल और पिस्टल बिहार की ओर जा रहे अलग.अलग ट्रकों में फेंक दिया।

रात डेढ़ बजे सभी वापस लौट कर फिर देखने गए कि देवांश की मौत हो गई है या वह जिंदा है। 27 मई को अनुष्का और राहुल घूमने निकल गए। जब उन्हें लगा कि अब मामला पूरी तरह से शांत हो गया है तो वह वापस बनारस आ गए।

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