Saturday, April 27, 2024
उत्तर-प्रदेशबलिया

8 दिनों में 121 लोगों की मौत से हड़कंप, यहां से पहुंची टीम खोलेगी रहस्य से पर्दा…..

पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

यूपी के बलिया जिले में प्रचंड गर्मी जानलेवा बन चुकी है। हीट वेव के कारण लोगों की जान पर आफत बन गई है। हालात चिंताजनक बन चुके हैं। भीषण गर्मी के बीच जिला अस्पताल में 8 दिनों में 121 लोगों की मौत से हड़कंप मचा है। इन मौतों से जिला प्रशासन सकते में आ गया है। आंकड़ों को कंट्रोल करना शुरू कर दिया गया है। जिला अस्पताल की जिस बीएसटी में मरीजों के रेफर होने, बीमारी और मौत की जानकारी दर्ज की जाती है उसे हटा दिया गया है।

रविवार सुबह सीएमओ डॉ. जयंत कुमार के साथ डीएम रविंद्र कुमार ने एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने गर्मी और हीट स्ट्रोक से मौत होने से इंकार किया। कहा कि लखनऊ से आए एक्सपर्ट की टीम अस्पताल में हुई मौतों का राज खोलेगी। यहीं नहीं ये भी कहा कि हीट स्ट्रोक से मौत के संबंध में बयान देने पर ही तत्कालीन सीएमएस डॉ. दिवाकर सिंह को यहां से हटा दिया गया है।

हर घंटे पांच से छह मरीज इमरजेंसी में हो रहे भर्ती

बलिया जिले में पड़ रही भीषण गर्मी के बीच हर घंटे पांच से छह मरीज इमरजेंसी में भर्ती हो रहे हैं। इतना ही नहीं तमाम प्रयासों के बावजूद मौत का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। आलम यह है मरीजों की मौत विभिन्न बीमारियों की चपेट में आने से हो रही है। इस कारण प्रशासनिक स्तर पर खलबली मची है।

आज सुबह से भी भी इमरजेंसी में दस्त, उल्टी आदि लक्षणों वाले मरीज आ रहे थे। अधिकतर को रेफर किया जा रहा था। मौतें भी हो रही हैं। शनिवार रात से अब तक करीब छह लोगों की मौत की सूचना है। हालांकि अस्पताल से अभी आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं। आशंका जताई जा रही है कि लू की वजह से ही मौतें हुई हैं। मौत की असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ही सामने आ सकेगी।

विशेष वार्ड भी बनाया गया

हालात को नियंत्रित करने के लिए चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों की छुट्टी रद्द कर दी गई हैं। सीएचसी पीएचसी से लगायत ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्यकर्मी सक्रिय हो गए हैं। इमरजेंसी में मरीजों की भीड़ देखते हुए अतिरिक्त बेडों की संख्या बढ़ा दी गई। जिला प्रशासन के निर्देश पर जिला अस्पताल प्रशासन ने 15 बेड का स्पेशल वार्ड खोला है। जिला अस्पताल में भर्ती होने के लिए आने वाले अधिकतर मरीजों की उम्र 60 से ऊपर है। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों को तेज बुखार, उल्टी, दस्त, सांस व ह्रदयघात की समस्या ज्यादा है।

लू से मौत का बयान देना भारी पड़ा

लू की वजह से मौतों पर बयान देना जिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ. दिवाकर सिंह को भारी पड़ा है। शासन ने मामले का संज्ञान लिया और उन्हें पद से हटा दिया। अब उन्हें आजमगढ़ मंडल बना जेडी बनाया गया है। जिला अस्पताल के सर्जन डॉण् एके यादव को प्रभारी प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आजमगढ़ मंडल के अपर निदेशक डॉ. ओपी तिवारी शनिवार को जिला अस्पताल पहुंचे और डॉ. एके यादव को कार्यभार ग्रहण कराया। इसकी खबर लगते ही अस्पताल के डॉक्टर व कर्मचारियों में खलबली मच गई। डॉ. एसके यादव ने चार्ज लेने के बाद ईएमओ व फिजिशियन डॉक्टरों की आपात बैठक कर जिम्मेदारी भी सौंपी

के

15 जून को गई थी 31 जानें
10 जून . 07
11 जून ..05
12 जून ..07
13 जून .. 17
14 जून .. 18
15 जून .. 31
16 जून .. 21
17 जून .. 15

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