नंगे पांव स्कूल पहुंच रहे नौनिहाल, नहीं मिले हैं बच्चों को जूते के लिए पैसे……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। कोरोना का कहर थमने पर प्राथमिक विद्यालय खुल गए, पठन.पाठन भी शुरू हो गया है। साथ ही इसके पहले यूनिफार्म और किताबों का वितरण तो कर दिया गया है लेकिन बच्चों को जूते अब तक नहीं मिले। कौशांबी में अधिकतर बच्चे बिना जूता.चप्पल के नंगे पांव ही स्कूल और घर का सफर तय करने को मजबूर हैं।
स्कूलों में रौनक मगर पांव हैं खाली
कोरोना महामारी फैलने पर करीब छह माह से बंद परिषदीय विद्यालयों में एक सितंबर से बच्चों की चहल.पहल लौट आई है। स्कूलों की रौनक तो लौट आई है लेकिन बच्चों के पैरों की ओर ध्यान नहीं दिया गया है। स्कूल खुलने के पहले ही शासन की तरफ से बच्चों को यूनिफार्म और किताबों का वितरण कर दिया गया है जबकि जूते वितरण पर ध्यान नहीं दिया गया। जूता.मोजा की धनराशि अभिभावकों के बैंक खाते में जानी थी मगर अब तक रकम नहीं भेजी गई है। बुधवार को जागरण टीम ने विकास खंड नेवादा के प्राथमिक विद्यालय पिपरी व चायल के कसेंदा की पड़ताल किया तो अधिकतर बच्चे बगैर जूते.मोजे के मिले। अभिभावक जय सिंह, मुन्नू लाल, विजय सिंह आदि ने बताया कि अभी तक जूते के लिए आने वाली धनराशि खाता में नहींं पहुंची है। पिछले सत्र के जूते फट गए हैं। पैसों के अभाव में नए जूते.मोजे नहीं खरीद पाने से बच्चे अधूरे यूनिफार्म में स्कूल जा रहे हैं।