चकियाः मछली ठेकेदारों ने दो माह पहले ही बहा दिया इस बांध का पानी, धान की नर्सरी डालने को लेकर किसान चिंतित, सिंचाई विभाग के आलाधिकारी हैं मस्त…….
रिपोर्ट-उमाशंकर
इलिया/चकिया, चंदौली। लतीफशाह बांध से आधि-आधि रात में दो माह पहले मछली ठेकेदारों ने पानी मनमाने तरीके से बहा दिया। इससे धान की नर्सरी व सब्जी सिंचाई के लिए पानी का संकट उत्पन्न की आशंका पैदा हो गई है। किसानों के माथे पर चिंता की लकिर दिख रही है। किसान पूरी तरह पानी को लेकर परेशान देखे जा रहे है।
दो माह पूर्व किसानों ने जनकपुर माइनर में अलानाहक बहता पानी देख सिंचाई विभाग के बेलदारों को कहा तब जाकर बेलदार ने किसी तरह फाटक बंद किया। लेकिन बेलदार व सिंचाई विभाग के आलाधिकारियों की मिली भगत से मछली ठेकेदारों पर किसी प्रकार का असर नहीं पड़ा। मछली ठेकेदार दिन में पानी न बहवाकर बल्कि आधि-आधि में पानी बहाने का जुगाड़ किया। फिर मछली बांध से निकालकर अपनी झोली भरने का काम किया। लेकिन यह मछली ठेकेदार व सिंचाई विभाग के अधिकारी तनिक भी नहीं सोचे कि जून-जुलाई माह में किसानों की धान की नर्सरी कैसे पड़ेगी।
बतादें कि लतीफशाह बांध से लेफ्ट तथा राइट कर्मनाशा नहर व जनकपुर माइनर में पानी छोड़ा जाता है। इससे जिला तथा बिहार के कैमूर जिले की हजारों एकड़ भूमि की सिंचाई होती है। आजकल धान की नर्सरी व सब्जी की सिंचाई के लिए पानी की बेहद किसानों की मांग है। ऐसे में नहरों में धूल उड़ता दिखाई दे रहा है। जहां तहा पानी भी है तो किचड़ देखनों को मिल रहा है। मछली ठेकेदार रात में जनकपुर माइनर का फाटक खोल कर बेवजह पानी पूर्व में ही बहा दिये।
किसानों ने कहा कि यही हाल रहा तो धान की नर्सरी कैसे डाली जायेगी। भगवान भी वर्षा नहीं कर रहे हैं। इन बातों को लेकर क्षेत्रीय किसान पूरी तरह से चिंतित हैं। किसानों का आरोप है कि मछली ठेकेदारों तथा सिंचाई विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत के कारण बांध का पानी बेवजह दो माह पूर्व बहाया गया।