Friday, May 3, 2024
नई दिल्ली

138 दिन बाद भारत की बहू बन कर जोधपुर पहुंची पाकिस्तान की बेटी, दिलचस्प है प्यार का किस्सा…..

नई दिल्ली। भारत.पाकिस्तान की सरहदों पर दोनों देशों के रिश्ते भले ही अच्छे ना हो लेकिन दोनों देशों के लोगों के दिलों के तार अभी भी एक दूसरे से कहीं ना कहीं जुड़े हुए हैं। शादियों की डोर उन्हें एक दूसरे से मिला ही देती है।

138 दिन बाद पाकिस्तान से जोधपुर पहुंची दुल्हन

राजस्थान के जोधपुर से एक मामला सामने आया है। यहां के रहने वाले मुजिम्मल खान का 2 जनवरी को ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पाकिस्तान में रहने वाली उरुज फातिमा से निकाह हुआ था। वह अब पाकिस्तान से 138 दिन बाद ससुराल में अपने शौहर के पास जोधपुर पहुंची हैं। दुल्हन के घर आने के बाद घर में खुशियों का माहौल है।

दूल्हे के दादा भालेह खान मेहर ने बताया कि पाकिस्तान से दुल्हन को भारत लाने में देरी हे गई। इसका कारण देर से वीजा मिलना है। पाकिस्तान की बेटी अब भारत के बेटे की दुल्हन बनी है। दुल्हन भी भारत पहुंचकर बहुत खुश है।

उन्होंने आगे बताया कि मैं पाकिस्तान गया था। यह बेटी मेरी दोहिती लगती है। उसने मेरी बहुत सेवा की थी। इससे मैंने मेरे पोते के लिए इसे पसंद किया और हमने रिश्ता पक्का कर दिया।

ऑनलाइन कराया गया था निकाह

बता दें कि भारत.पाकिस्तान के बीच चलने वाली मुनाबाव खोखरापार ट्रेन बंद हो गई थी। हम लोग गरीब परिवार से हैं। तो हमारे पास इतने रुपए नहीं है कि यहां से बारात फ्लाइट करके ले जाते, फिर हमने ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए निकाह कराया। इसके बाद दुल्हन को भारत लाने के लिए वीजा दिलाने का काम किया।

केंद्रीय जलशक्ति मंत्री को दिया दुल्हन लाने का श्रेय

फातिमा जोधपुर ससुराल आने के बाद अपने ननिहाल गईं। वहीं दूल्हे के दादा ने केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को इसका श्रेय दिया है। उन्होंने बताया कि वीजा मिलने में 7 से 8 महीने लग जाते है और कई तरह की जांचों से गुजरना पड़ता है। लेकिन केंद्रीय मंत्री शेखावत से मिला और उनकी मदद से जल्द ही वीजा मिल गया।

मिली जानकारी के अनुसार, पाकिस्तानी दुल्हन का पति जोधपुर में एक प्राइवेट कंपनी में ड्राइवर है। इस शादी के बाद से जोधपुर के कई परिवारों ने प्रेरणा ली है।

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