जान देने की जिद पर अड़ी थी मां, बेटी बोली तुम्हारे बिना नहीं रह पाऊंगी, तो उसे भी दे दिया जहर……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
आगरा के बाह क्षेत्र के दोदापुरा की मढै़या गांव में शनिवार की दोपहर घरेलू कलह से क्षुब्ध होकर मां.बेटी ने जान देने के लिए जहर खा लिया। दोनों को बेहोशी की हालत में इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बाह में भर्ती कराया गया। यहां से दोनों को प्राथमिक उपचार के बाद एसएन आगरा भेज दिया गया।
ये है मामला
गांव के भूरी सिंह की पत्नी ऊषा देवी शनिवार को बेटी मिथिलेश के साथ खाते से रुपये निकालने के बहाने घर से बाह के लिए निकली थी। दोनों ने बाह की एक दुकान से 80 रुपये कीमत की कीटनाशक दवा खरीदी। बाह से फरैरा पहुंचकर घर के रास्ते पर दोनों ने कीटनाशक खा लिया। मुंह से झाग निकलने के साथ बेहोश हुई मां.बेटी रास्ते के किनारे पर पड़ी मिली। जानकारी पर पहुंचे परिजन दोनों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर पहुंचे।
इसलिए देना चाहती थी जान
बेहोशी टूटने पर ऊषा देवी ने बताया कि रोजाना के झगड़ों ने जीना मुश्किल कर दिया था। इसलिए जान देने के लिए जहर खा लिया था। ऊषा देवी के पति भूरी सिंह सिलाई के साथ मजदूरी करते हैं। दो बेटियां कृष्णा और नीरू की शादी कर दी है। दो बेटियां मिथिलेश और रीना घर पर रहती हैं। बेटा देवेंद्र दिल्ली में काम करता है।
दिया जहर
दोदापुरा की मढ़ैया गांव की आत्मघाती कदम उठाने वाली ऊषा देवी ने रो.रो कर घरेलू कलह की जानकारी दी। बताया कि वह अकेली मरना चाहती थी, जहर खाने के बाद बेटी मिथिलेश बोली कि मां तुम्हारे बिना जी नहीं पाऊंगी, अपने साथ ले चलो। बेटी की जिद पर उसे भी जहर खिला दिया।