ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में छोड़ी पट्टी, सिटी स्कैन में खुला राज, परिजनों ने जमकर किया हंगामा……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
अमरोहा। अमरोहा में पित्त का ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर ने महिला के पेट में पट्टी छोड़ दी। इसके बाद महिला की हालत बिगड़ती गई। तबीयत बिगड़ने के बाद डॉक्टर दो महीने तक इलाज करते रहे, लेकिन असली वजह को समझने की कोशिश नहीं की। परिजनों ने बुधवार को बिजनौर के नूरपुर में सिटी स्कैन कराया तो हकीकत सामने आ गई। जिसके बाद डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए परिजन पीड़ित महिला को लेकर अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया। सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ पर धक्का देकर भगाने का भी आरोप लगाया। देर रात तक दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास चल रहे थे।
अमरोहा नगर के मोहल्ला इमलीवाला में महेंद्र सैनी का परिवार रहता है। महेंद्र सैनी ई.रिक्शा चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। उनके परिवार में पत्नी राधा के अलावा दो बेटे और एक बेटी है। आरोप के मुताबिक महेंद्र सिंह सैनी ने अपनी पत्नी राधा का करीब दो महीने पहले शहर के एक निजी अस्पताल में पित्त का ऑपरेशन कराया था। इसके बाद डॉक्टर ने राधा को डिस्चार्ज कर दिया। लेकिन राधा की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। उनकी हालत लगातार बिगड़ती चली गई। लिहाजा परिजन राधा को लेकर अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर तरह.तरह की बीमारी बताते हुए इलाज करते रहे।
परिजनों के मुताबिक महंगे.महंगे इंजेक्शन लगाए गए। लेकिन राधा की तबीयत में सुधार नहीं हुआ। परिचितों के कहने पर महेंद्र सैनी पत्नी राधा को लेकर बुधवार को बिजनौर जनपद के नूरपुर में स्थित एक निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने सिटी स्कैन करने के बाद पेट में पट्टी होने की बात का दावा किया। जिसके बाद परिजनों का गुस्सा भड़क गया। परिजन राधा को लेकर उसी अस्पताल में पहुंचे जहां ऑपरेशन कराया गया था। परिजनों का आरोप है कि जब डॉक्टर को ऑपरेशन के दौरान पट्टी छोड़ने की बात बताई गई तो वह मानने को तैयार नहीं हुए।
इतना ही नहीं डॉक्टर और अस्पताल के स्टाफ ने धक्के लेकर बाहर निकाल दिया। लिहाजा परिजन घर पहुंचे और परिवार के अन्य सदस्यों को मामले की पूरी जानकारी दी। जिसके बाद तमाम लोग इकट्ठे होकर अस्पताल पहुंचे और जमकर हंगामा किया। परिजनों ने दोबारा ऑपरेशन कराने और महिला के स्वस्थ होने तक आने वाले पूरे खर्च को उठाने की मांग की। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस ने आक्रोशित परिजनों को समझाकर शांत किया। देर रात तक दोनों पक्षों के बीच समझौते के प्रयास चल रहे थे।
मामला संज्ञान में नहीं आया है। पीड़ित की तरफ से कोई शिकायत मिलती है तो मामले की जांच करा कर संबंधित अस्पताल व डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई कराई जाएगी।
डॉ. राजीव सिंघल, सीएमओ
बीस दिन पहले नौगांवा सादात में भी महिला के पेट में छोड़ दी थी तौलिया
नौगांवा सादात के एक निजी अस्पताल में भी बीस दिन पहले डॉक्टर व स्टाफ ने प्रसव के दौरान महिला के पेट में तौलिया छोड़ दी थी। जिसके बाद से डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल बंद कर फरार हो गये। इस मामले में भी पीड़ित परिवार की तरफ से आज तक कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई है। दरअसल थानाक्षेत्र के गांव बांसखेड़ी निवासी शमशेर अली की पत्नी नजराना को प्रसव पीड़ा हुई तो उसने कस्बे के ही एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। जहां ऑपरेशन के दौरान चिकित्सक स्टाफ की लापरवाही के चलते ऑपरेशन के दौरान तौलिया अंदर रह गया।
महिला ने पेट दर्द की शिकायत चिकित्सक से की तो चिकित्सक ने सर्दी का बहाना बताकर पांच दिन बाद डिस्चार्ज कर दिया था। घर पर आने के बाद भी जब नजराना की तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो परिजनों ने उसे दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसका अल्ट्रासाउंड हुआ मगर बीमारी समझ नहीं आई तो घर आ गई। लेकिन लगातार तबियत खराब रहने पर परिजन नजराना को दूसरे अस्पताल ले गए और उसका ऑपरेशन किया।
ऑपरेशन के दौरान पेट से तौलिया निकलने पर परिजन सकते में आ गए। मामला संज्ञान में आने पर सीएमओ डॉ. राजीव सिंघल ने इस मामले की जांच नोडल अधिकारी डॉ. शरद को सौंपी थी। नोडल अधिकारी डॉ. शरद कुमार जांच करने पहुंचे लेकिन इससे पहले आरोपी डॉक्टर और स्टाफ अस्पताल को बंद कर फरार हो गया। हालांकि स्वास्थ्य विभाग की टीम अस्पताल के खुलने पर नजर बनाए हुए है। वहीं पीड़ित परिवार की तरफ से शिकायत मिलने का इंतजार किया जा रहा है।