सपेरों का गांव जहां घरों में टहलते हैं नाग, सांपों के बीच गुजरती है इनकी जिंदगी, दहेज में भी देते हैं विषधर…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
प्रयागराज। नागदेव की स्तुति का पर्व नागपंचमी दो अगस्त को मनाया जाएगा। सनातन धर्मावलंबी नाग की पूजा करके सुख.समृद्धि की कामना करेंगे। नागपंचमी पर नागवासुकी व तक्षकतीर्थ बड़ा शिवालय में दर्शन.पूजन करने वालों की भारी भीड़ जुटती है। इसके पीछे मान्यता यह भी है कि नागपंचमी पर नागदेव का पूजन करने से नागों के भय से मुक्ति मिल जाती है। लेकिन प्रयागराज में एक गांव ऐसा है जहां के लोगों का जीवन नागों पर आश्रित है। इनके घर में नाग टहलते दिख जाते हैं। बच्चे सांप के साथ खेलते रहते हैं।
इस गांव में घर.घर हैं सांप
प्रयागराज का पाठा कहलाने वाले शंकरगढ़ इलाके का कपारी गांव सपेरों का है। सांप पालना यहां के लोगों का पुश्तैनी काम है। हर परिवार के मुखिया समेत सभी पुरुष सदस्यों के पीछे एक सांप अवश्य पाला जाता है। उदाहरण स्वरूप परिवार में पिता के तीन बेटे हैं तो उस घर में कम से कम चार विषधर पाले जाते हैं। घर.घर नागदेवता के दर्शन कराकर होने वाली कमाई से ही ये सपेरे खुशहाल हैं। बीन बजाने में माहिर इन सपेरों के साथ ही सांप भी अपनी जिंदगी जीते हैं। शहर या ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी सांप निकले तो सूचना दिए जाने पर कपारी के सपेरे उसे पकड़ने के लिए पहुंच जाते हैं।