Saturday, May 11, 2024
उत्तर-प्रदेशवाराणसी

दम घुटने से मासूम की मौत और तीन अचेत, ठंड से बचने के लिए कमरे में अंगीठी जलाकर सोया था परिवार

वाराणसी, पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क

वाराणसी के दरेखूं गांव स्थित मकान के कमरे में आग जलाकर सोने वाले पति-पत्नी व उनके दो बच्चे बृहस्पतिवार को अचेत पाए गए। आसपास के लोगों ने दरवाजा तोड़कर सबको बाहर निकाला और एंबुलेंस से मंडलीय अस्पताल तक पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने दो वर्षीय मासूम के मौत की पुष्टि कर दी।

मासूम के शव का पोस्टमार्टम कराया गया, फिर परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया। बताया जा रहा है कि मासूम की मौत दम घुटने से हुई है। आग जलाने और उससे निकले धुएं से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस बनी है। इससे पूरा परिवार अचेत हो गया। बहरहाल, माता-पिता व उनके एक बच्चे की तबीयत ठीक है। प्राथमिक उपचार के बाद सबको अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

छोटे बेटे डुग्गू की तबीयत ठीक नहीं थी

जौनपुर के चंदवक क्षेत्र के रहने वाले राहुल निषाद (33), पत्नी रिंकी (30) बेटा अनुज (5) और डुग्गू (2) के साथ किराये के मकान में रहते थे। जानकारी के मुताबिक, मालवाहक वाहन चलाने वाले राहुल निषाद के छोटे बेटे डुग्गू की तबीयत ठीक नहीं थी। कमरे को गर्म रखने के लिए राहुल और उनकी पत्नी ने बुधवार की रात में लोहे के तसले में आग जलाकर रख दी।

इसके बाद कमरा बंद करके सो गए। बृहस्पतिवार की सुबह देर तक दरवाजा नहीं खुला तो अन्य किरायेदार और आसपास के लोग सशंकित हो गए। सबने दरवाजा खटखटाया, लेकिन अंदर से कोई हरकत नहीं हुई। इसके बाद लोगों ने धक्का देकर दरवाजा खोला। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, आग बुझ चुकी थी, लेकिन कमरे में धुआं था। राहुल व उनके परिवार के सदस्य अचेत ही पड़े थे।

लोगों ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और एंबुलेंस के जरिये सबको मंडलीय अस्पताल भेजवाया। डॉक्टरों ने दो साल के डुग्गू को को मृत घोषित कर दिया। घटना की सूचना पाकर अपर पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन मनीष शांडिल्य भी पहुंचे और छानबीन की। रोहनिया इंस्पेक्टर उपेंद्र कुमार सिंह ने घटना की जानकारी जौनपुर चंदवक में रहने वाले राहुल के परिजनों की दी।

बता दें कि इससे पहले एक जनवरी को काशी स्टेशन पर तैनात रेलकर्मी, उनकी पत्नी और ढाई साल का बच्चा मृत हाल में मिला था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से पता चला कि दम घुटने से तीनों की मौत हुई थी। वो भी रात में अंगीठी जलाकर सोए थे।  अपर पुलिस उपायुक्त वरुणा जोन  मनीष शांडिल्य ने कहा कि दम घुटने से मासूम की मौत हुई है। परिवार कमरे में आग जलाकर सोया था। माता-पिता और भाई को होश आ गया है। पोस्टमार्टम के बाद मासूम का शव परिजनों को सौंप दिया गया।

कमरे में छोटा सा था रोशनदान
छोटे कमरे का रोशनदान बहुत छोटा था। आग से निकलने वाले धुएं से कमरा भर गया। इसके चलते मासूम डुग्गू की मौत हो गई, जबकि अन्य सदस्य अचेत हो गए।

हे भगवान, हमरे ललनवा के काहे उठा लेहला…

अरे! अब हम कइसे रहब हो, हमरे ललनवा के काहे उठा लेहला हे भगवान… यह चित्कार डुग्गू की मां रिंकी के थे। होश में आने के बाद ही वह जिगर के टुकड़े को ढूंढने लगी। कुछ देर तक तो लोगों ने उसे बेटेकी मौत की जानकारी नहीं दी। जब उसे बेेटे के इस दुनिया में नहीं रहने की सूचना मिली तो वह दहाड़े मारकर रोने लगी, फिर अचेत हो गई। परिजनों ने उसे ढांढस बंधाया और संभाला। मासूम बेटे की मौत से टूट चुकी मां रिंकी के करुण क्रंदन से उपस्थित हर किसी की आंखें डबडबा गईं। वहीं, पिता राहुल भी गमगीन रहा। वह खुद को कोस रहा था कि आखिर अंगीठी जलाई क्यों?

दम घुटने से मौत की दूसरी घटना

अंगीठी के धुएं से दम घुटने से मौत की यह दूसरी घटना है। एक जनवरी को काशी रेलवे स्टेशन के पास रेलवे आवास में रेलकर्मी राजीव रंजन पटेल, उसकी पत्नी अनुपमा और मासूम बेटे हर्ष की मौत हो गई थी। रेलकर्मी भी कमरे में अंगीठी जलाकर सोया था। सुबह कमरे का दरवाजा तोड़कर सभी के शव निकाले गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से साफ हुआ कि कार्बन मोनोऑक्साइड की वजह से तीनों की मौत हुई थी। यह गैस जहरीली होती है। कमरे में अंगीठी जलाने व उससे उठने वाले धुएं से ही गैस बनती है।

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