करोड़पति स्वीपर की टीबी से मौत, पिता के नक्शेकदम पर चला बेटा, कभी नहीं निकाली सैलरी, खाते में धरे रह गए 70 लाख…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
यूपी के प्रयागराज से एक मामला ऐसा आया है। जिसे सुनकर आप भी हैरानी में पड़ सकते हैं। ये कहानी है ऐसे शख्स की जिसने कभी खाते से सैलरी तक नहीं निकाली। पिता के नक्शेकदम पर बेटा भी चलता रहा। सरकारी नौकरी होने के बाद भी लोगों से पैसे मांगकर घर का खर्च चलाता था। उसको गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया था। उसका नाम था टीबी। खाते में 70 लाख रुपये थे। लेकिन फिर भी वह इलाज नहीं करा सका। शनिवार की देर रात उसकी टीबी के चलते मौत हो गई। घर में अब केवल 80 साल की उसकी मां बची है।
प्रयागराज के करोड़पति स्वीपर कहे जाने वाला धीरज जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर नौकरी करता था। वह करोड़पति है। इस बात का खुलासा इसी मई के महीने में तब हुआ था जब बैंक वाले धीरज को खोजते हुए कुष्ठ रोग विभाग पहुंचे थे। इसके बाद धीरज को करोड़पति स्वीपर कहकर लोग बुलाने लगे थे। धीरज ने यह संपत्ति अपने पिता और खुद की मेहनत से कमाई थी। धीरज को पिता सुरेश चंद्र जिला कुष्ठ रोग विभाग में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे। नौकरी में रहते उसकी मौत हो गई। इसके बाद दिसंबर 2012 में उसके पिता की नौकरी धीरज को मिल गई।
धीरज के पिता ने कभी खाते से नहीं निकाले रुपये
धीरज अपने पिता के नक्शे कदम पर चलता था। नौकरी में रहते हुए धीरज के पिता ने कभी खाते से अपनी सैलरी नहीं निकाली थी। वही हाल धीरज का भी था। पिता की जगह नौकरी पाए बेटे ने भी कभी खो से रुपये नहीं निकाले। घर का खर्च चलाने के लिए धीरज पिता की तरह ही सड़क पर चलते लोगों विभागीय लोगों से रुपये मांगता रहता था। धीरज की मां को पेंशन मिलती थीए उससे भी धीरज घर खर्च चलाता था लेकिन कभी खाते से रुपये निकालने नहीं जाता था। लेकिन धीरज हर साल सरकार को इनकम टैक्स देता था।