वाराणसी के उस आश्रम में झारखंड में भाजपा की निलंबित नेता सीमा पात्रा मरणासन्न घरेलू सहायिका को छोड़ना चाहती थी, पढ़ें…..
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। झारखंड की चर्चित भाजपा की निलंबित नेता सीमा पात्रा के तार अब वाराणसी से जुड़ रहे हैं। अपनी घरेलू सहायिका को मारपीट और प्रताड़ना के मरणासन्न हालत में करने के बाद वाराणसी के एक आश्रम में छोड़ने की तैयारी कर रही थी। इस बाबत वाराणसी के उस आश्रम के बारे में भी अब चर्चा तेज हो गई है कि आखिर आश्रम में भाजपा नेता की कितनी पहुंच और पकड़ थी कि इस हालत में वाराणसी का आश्रम उस मरणासन्न घरेलू सहायिका को अपने आश्रम में रहने का मौका देता। झारखंड पुलिस की पूछताछ में घरेलू सहायिका को वाराणसी के आश्रम में छोड़ने की जानकारी आने के बाद से आश्रम संचालन करने वालों में चर्चा है।
भाजपा की निलंबित नेता सीमा पात्रा झारखंड की आदिवासी घरेलू सहायिका सुनीता को काशी के आश्रम में छोड़ने की योजना पर कुछ दिनों से काम कर रही थी। हालांकि, वाराणसी आकर आश्रम में छोड़ने के पहले ही उनकी मंशा विफल हो गई। सीमा पात्रा पर आरोप है कि कई वर्षों तक उन्होंने घरेलू सहायिका को बंधक बनाकर रखा और मारपीट हिंसा के जरिए उसकी हालत बदतर कर दी।
झारखंड पुलिस के अनुसार सुनीता चलने और शौचालय तक नहीं जा सकती थी। इसके बाद भी उसकी इस हालत के बाद वाराणसी के एक आश्रम में ले जाकर छोड़ने की पूरी प्लानिंग हो चुकी थी। अगर झारखंड पुलिस कुछ दिन की और देरी करती तो शायद सुनीता वाराणसी के किसी आश्रम में अपने मौत के दिन का इंतजार करती नजर आती। हालांकि, झारखंड पुलिस ने उस आश्रम की जानकारी साझा नहीं की है जहां पर सीमा पात्रा अपनी मरणासन्न घरेलू सहायिका को ले जाकर रखना चाह रही थी।
बताते चलें कि सीमा के बेटे आयुष्मान के करीबी दोस्त विवेक आनंद की शिकायत पर पुलिस ने सीमा पात्रा के घर से लगभग तीस वर्षीय आदिवासी युवती को रेस्क्यू करते हुए छुड़ाने के साथ ही आपराधिक मामला दर्ज किया था। इस बाबत न्यूज एजेंसी पीटीआइ के हवाले से बताया गया है कि सीमा के बेटे ने अपने दोस्त को बताया था कि पीड़िता सुनीता को काशी के एक आश्रम में छोड़ने के अलावा कंबल में लपेटकर कहीं पर फेंकने का भी प्लान था। वहीं एक दावे के अनुसार सीमा मामला उजागर होने की आशंका के बीच अपने बेटे को किसी मानसिक अस्पताल में भी एडमिट कराना चाह रही थीं।