चंदौलीः जिले की 53 हजार गर्भवती को मिला पीएमएमवीवाई का लाभ, मातृ वंदना सप्ताह शुरू, हर दिन की होंगी अलग, अलग गतिविधियां…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
चंदौली। गर्भवती और धात्री महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और पोषण देखभाल के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना को गति प्रदान करने के उद्देश्य से एक से सात सितम्बर तक मातृ वंदना सप्ताह मनाया जा रहा है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ वाई के राय ने दी।
सीएमओ ने कहा कि इस सप्ताह को उत्सव के रूप में मनाने की योजना है। जिसके तहत सप्ताह के हर दिन अलग.अलग गतिविधियाँ आयोजित की जा रही है। योजना के शुरुआत से अब तक जिले में 59716 लक्ष्य के सापेक्ष अब तक कुल 53177 लाभार्थियों को लाभ मिल चुका है। सीएमओ ने बताया कि सप्ताह के दौरान सभी पात्र गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ पहुँचाने पर जोर दिया जा रहा है। जनसामान्य तक ज्यादा से ज्यादा योजना का प्रचार.प्रसार हो और स्वास्थ्य, पोषण एवं स्वच्छता के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जाए। इसके प्रति गर्भवती को विशेष तौर पर जागरूक किया जा रहा है। जिसमें सप्ताह के दौरान गर्भवती को उचित आराम व पोषण की जरूरत के बारे में जानकारी और नियमित प्रसव पूर्व देखभाल की आवश्यकता बताई जा रही है जोकि एक हृष्ट.पुष्ट स्वस्थ शिशु के लिए जरूरी है इसके लिए हरी साग.सब्जियों व मौसमी फल को नियमित भोजन में शामिल होना अवश्यक है। गर्भवती को जागरूक किया जाता है कि संस्थागत प्रसव में ही माँ.बच्चे की सुरक्षा है। साथ ही शिशु टीकाकरण बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। जिला कार्यक्रम समन्वयक प्रिया सिंह ने संबंधित विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मातृ वंदना सप्ताह के पहले दिन जनप्रतिनिधियों की सहभागिता सुनिश्चित की गई और स्वास्थ्य विभाग महिला एवं बाल कल्याण विभाग के साथ मिलकर कार्ययोजना तैयार की गई। हर ब्लाक पर माँ.बच्चे एवं गर्भवती के लिए सेल्फी कार्नर बनाया गया है।
योजना के तहत तीन किश्तों में मिलते हैं 5000 रूपये
जिला कार्यक्रम सहायक धीरज रस्तोगी ने बताया कि पहली बार गर्भवती होने पर योजना के तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ.शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी है । बैंक अकाउंट ज्वाइंट नहीं होना चाहिए। पंजीकरण के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं । प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं ।