मेरी मां तो भारत की बेटी हैं वो पाकिस्तानी बनकर नहीं मरना चाहती हैं, दर्दनाक है शमीना की कहानी…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
उन्नाव। आजादी के 75 साल पूरे होने पर पूरा भारत देशभक्ति के अमृत महोत्सव में रमा है। वहीं आजाद भारत में जन्मीं उन्नाव की शमीना को पाकिस्तानी होने का दंश दीमक की तरह खोखला बना रहा है। जेहन में पाकिस्तान का नाम आते ही शमीना की रूह कांप जाती है।
उनकी अंतिम इच्छा है कि वह पाकिस्तानी नहीं हिंदुस्तानी बनकर दुनिया से विदा हो। बेटा भी कहता है. मेरी मां तो भारत की बेटी है और वो पाकिस्तानी बनकर नहीं मरना चाहती है।
दर्दनाक है शमीना की कहानी
यूपी के उन्नाव में सफीपुर के जमालनगर में लगभग 62 साल पहले शमीना का जन्म हुआ था। 19 वर्ष की उम्र में कदम रखते ही पिता ने निकाह की तैयारी शुरू कर दी। पड़ोसियों ने पाकिस्तान के करांची निवासी रिश्तेदार तौकीर के बेटे से निकाह करा दिया। पाकिस्तान से आया दूल्हा शमीना को साथ लेकर चला गया।
शादी के मिली पाकिस्तान की नागरिकता
शादी के छह माह बीतने के बाद ही धोखे से पति ने उसे पाकिस्तान की नागरिकता दिला दी। साल भी पूरा नहीं हो पाया था कि भारत से शमीना की मां उसे विदा कराने पाकिस्तान पहुंची। पति ने भेजने से मना किया और गुस्से में तीन बार तलाक बोलकर घर से निकाल दिया और वापस न आने की बात कही।