गोलमालः अमीरों को बांटे सीएम आवास, ताकते रहे गरीब, प्रधान और पंचायत सचिवों की मिलीभगत से गरीब वंचित……
लखनऊ। मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत कमजोर वर्गों के लिए जयसिंहपुर ब्लॉक में आवास स्वीकृत हुए। कायदे से इस वर्ग में जो गरीब और आवासहीन थे। उन्हें आवास मिलना चाहिए था लेकिन प्रधानों और पंचायत सचिवों के साथ ब्लॉक के अफसरों की मिलीभगत से सारा मामला उल्टा हो गया। इस वर्ग में जिनके पास पक्के मकान थे। महंगी बाइकें थीं। एक हेक्टेअर से भी ज्यादा खेत थे। उन्हें आवास दे दिए गए और गरीब ताकते रह गए।
जयसिंहपुर विकास खंड को मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत वित्तीय वर्ष 23.24 में 232 आवासों का लक्ष्य दिया गया था। इसमें नट और मुसहर जाति को विशेष वरीयता दी गई। लक्ष्य मिलते ही बीडीओ ने ग्राम प्रधानों व सचिव को पात्र लोगों की सूची बनाकर जमा कराने का निर्देश दिया।
प्रधानों ने सचिवों से मिलकर गुपचुप तरीके से अपने चहेतों का नाम पात्रों की सूची में शामिल करते हुए सूची ऑनलाइन करा दी। बीरसिंहपुर, चोरमा, सदरपुर समेत कई ग्राम पंचायतों से लाभार्थियों की सूची प्राप्त होते ही बिना उसके सत्यापन के ही उसमें शामिल लोगों के बैंक खातों में प्रथम किस्त के रूप में 40 हजार रुपये भेज दिए। इस बीच बीडीओ को धांधली की भनक लगी तो उन्होंने सभी खातों पर रोक लगा दी।
चोरमा के सरजू, राम मूरत, बीरसिंहपुर के सराय नौरंग गांव निवासी गोविंद, राम उजागिर, सीता देवी आदि लाभार्थियों को जब बैंक खाते में धनराशि आने की जानकारी हुई तो वे लोग बैंक से पैसा निकालने पहुंचे लेकिन पैसा नहीं निकला। लाभार्थियों द्वारा जानकारी करने पर पता चला कि बीडीओ ने आवास का पैसा निकालने पर रोक लगा रखी है। इस बारे में बीडीओ निशा तिवारी के सीयूजी नंबर पर कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया किंतु उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। प्रभारी एडीओ पंचायत सौरभ वर्मा ने बताया कि जांच कराई जा रही है, जल्द ही खातों पर लगी रोक हटा ली जाएगी।
खुली बैठक में होना था चयन
कायदे से योजना के तहत लाभार्थियों का चयन करने के लिए ग्राम पंचायतों में खुली बैठक होनी चाहिए थी। इसके बाद बीडीओ कार्यालय से ऑनलाइन सूची व आवास आईडी जारी कर ग्राम पंचायत में दावा आपत्ति मंगानी चाहिए थी। आपत्ति के उपरांत पात्र मिले लाभार्थियों की जांच सेक्टर एडीओ से कराई जानी थी लेकिन यह सारी प्रक्रिया न अपनाकर सीधे खातों में धनराशि भेज दी गई।
किससे गुहार लगाएं दिव्यांग रामजियावन और सावित्री
मूंगर गांव निवासी राम जियावन दिव्यांग हैं, रहने को घर नहीं है। कई बार ब्लॉक व तहसील का चक्कर लगा कर थक चुके हैं। आवास नहीं मिला। गांव के ही धीरज को भी आवास नहीं मिला। सदरपुर में नट बिरादरी की सावित्री ठंडी, गर्मी व बरसात में एक छप्पर के नीचे गुजारा कर रहीं हैं। इसी तरह अमदेवा गांव की पूजा, सदरपुर, सहादतपुर व गोपालपुर आदि गांवों में आवास पाने के लिए जरूरतमंद ब्लॉक व संपूर्ण समाधान दिवस की दौड़ लगा रहे हैं।