माथे से बिंदी गायब, कलाई से चूड़ी……पति इतना नाराज हुआ कि टूटने के कगार पर पहुंचा सात जन्मों का बंधन…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
बागपत। माथे पर बिंदी और कलाई में खनकती चूड़ियां…..सुहाग की यह निशानी होती है। बड़े.बुजुर्गों कहते भी है कि बहू का संस्कार और पत्नी का श्रृंगार परिवार में नवविवाहिता को मजबूती से स्थापित करने में बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन बदलते जमाने की जरूरतें और भागमभाग भरी जिंदगी ने काफी कुछ बदला है। ऐसा ही बदलाव एक परिवार के बिखरने का कारण बन गया है। दांपत्य सूत्र का बंधन टूटने को है।
ऐसे बताया गया विवाद का सही कारण
दरअसलए यह कहानी बागपत के एक 28 वर्षीय महिला और उसके पति की है। महिला एमए उत्तीर्ण है और चार वर्ष पूर्व उसका विवाह गाजियाबाद के एक युवक से हुआ थाए जो व्यवसाय करता है। कुछ दिनों से उनमें अनबन चल रही थी। इसी बीच पत्नी ने महिला कल्याण विभाग में शिकायत की। आरोप लगाया कि पति उत्पीड़न करता है। कारण दहेज बताया। संरक्षण अधिकारी को आरोप के पीछे की वजह कुछ और लगी और उन्होंने कहा कि दहेज उत्पीड़न जैसे आरोप मत लगाइएए विवाद का सही कारण बताइए, तभी समस्या का हल निकलेगा। तब महिला ने बताया कि उसका पति रूढ़ीवाद सोच का है।