निकाय चुनाव में भाजपा के लिए मुसीबत बनेंगे बागी, तैयार होने लगी चुनावी घमासान की नींव……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। विधानसभा चुनाव के बाद अब सभी की ध्यान नगर निकाय चुनाव पर है। हालांकि चुनाव का प्रस्तावित महीना दिसंबर है लेकिन वार्डों की परिसीमन की प्रक्रिया शुरू होने के चलते इसे लेकर सक्रियता शुरू हो गई है। खासकर चुनाव लड़ने की इच्छा रखने वाले लोगों और वर्तमान पार्षदों ने इसे लेकर अपनी जमीन तैयार करनी शुरू कर दी है। एक तरफ वोटरों को साधने में जुट गए हैं तो दूसरी तरफ किसी पार्टी से टिकट पाने के लिए प्रयास में भी लग गए हैं।
दावेदारों की सक्रियता से तैयार होने लगी है टिकट के लिए घमासान की जमीन
भाजपा से टिकट पाने को लेकर खासतौर से घमासान देखने को मिलने वाला है। आज की तारीख में दावेदारों की सक्रियता इसका प्रमाण है। संभावित प्रत्याशी संगठन के बड़े पदाधिकारियों में अपनी छवि बेहतर का हर संभव प्रयास कर रहे हैं। कोई जातिगत आधार पर अपने को मजबूत दावेदार बताने को तैयार है तो किसी की दावेदारी वोटरों के बीच बेहतर पकड़ को लेकर है। ऐसे में एक बात तो तय है कि बागी प्रत्याशियों का प्रबंधन भाजपा के पदाधिकारियों के लिए बड़ी चुनौती होगी। यह चुनौती बीते निकाय चुनाव में भी देखने को मिली थी।
आधा दर्जन से अधिक दावेदारों ने निर्दल लड़ा था चुनाव
आधा दर्जन से अधिक दावेदारों ने टिकट न मिलने के बाद निर्दल चुनाव लड़ने का फैसला कर लिया था। उन्हें मनाने के लिए भाजपा के स्थानीय नेताओं की पूरी टीम लग गई थी। बावजूद इसके वह चुनाव लड़े। इसमें से कई जीते भी। वह अलग बात थी कि बाद में उन्होंने भाजपा के समर्थित पार्षदों में शामिल हो गए थे। ऐसे एक.दो नहीं बल्कि पांच पार्षद थे। उनका साथ पाकर ही भाजपा के पार्षदों की संख्या 31 तक पहुंच गई थी। भाजपा के टिकट पर 26 प्रत्याशी ही जीत हासिल कर सके थे।