ढाई घंटे से ज्यादा मोबाइल और टीबी देखना खतरनाक, यहां विशेषज्ञ दे रहे हकीकत में जीने की सलाह……
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
गोरखपुर। आभासी दुनियां में तरह.तरह के प्रयोग करने वाले युवाओं को आभास हो रहा है कि यह लत खतरनाक है। वर्चुअल दुनिया की चकाचौंध उन्हें एक्चुअल से दूर कर रही है। प्रसिद्धि की चाह से लेकर साथियों के ध्यानाकर्षण तक, आभासी दुनिया पर चमकने की चाह में अपेक्षित परिणाम न मिलने पाना उन्हें डरा रहा है। वह अवसाद में आ रहे हैं। ऐसे युवा अब मनोचिकित्सक से परामर्श ले रहे हैं।
छह माह में 50 विद्यार्थियों की परेशानी आई सामनेः दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश सिंह ने विद्यार्थियों को मानसिक तौर पर मजबूत बनाने के लिए अक्टूबर, 2021 में मनोविज्ञान विभाग में स्वस्ति मनोविज्ञान परामर्श केंद्र शुरू कराया था। बीते छह माह में यहां 50 से अधिक विद्यार्थी आए, जो विभिन्न कारणों से परेशान थे। इसमें सर्वाधिक मामले इंटरनेट मीडिया से जुड़े थे। ये विद्यार्थी आधे से ज्यादा समय फेसबुक, वाट्सएप या इंस्टाग्राम पर गुजारते थे। शार्ट वीडियो बनाने और अपलोड करने के लती थे। लाइक.अनलाइक की गणित में उलझे थे।