अमेरिका से यूपी तक, क्या है बुलडोजर का चुनाव से कनेक्शन और इसका इतिहास…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
मिशन 2022 के सत्ता संग्राम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर की सियासी मैदान में खूब चर्चा रही। इस चुनाव ने साबित कर दिया कि बाबा के बुलडोजर के सामने विपक्षी दल टिक नहीं सका। किसी को भी ये अनुमान नहीं था कि उत्तर प्रदेश चुनाव में बुलडोजर इतना अहम किरदार बन जाएगा। जैसे.जैसे चुनावी रंग चढ़ता गया बुलडोजर भी अपना जलवा बिखरने लगा।
दिलचस्प बात यह है कि योगी को बुलडोजर बाबा का उपनाम समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ही दिया था। गोरखपुर में गोरखनाथ मंदिर के प्रमुख के रूप में आदित्यनाथ को पहले से ही बाबा कहा जाता है।
भाजपा ने अखिलेश यादव के इस तंज को हाथों.हाथ लिया और इसे योगी आदित्यनाथ के सख्त कानून व्यवस्था बनाए रखने के सुशासन से जोड़ दिया। पार्टी ने इस जुमले को खूब भुनाया और पूरे चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुलडोजर बाबा कहलाने लगे।
इस चुनाव में बुलडोजर सख्त कानून व्यवस्था लागू करने और माफियाओं पर कार्रवाई करने के लिए सीएम योगी के सुशासन का प्रतीक बन गया। क्योंकि 2017 में भाजपा के सत्ता में आने के बाद से राज्य में 67, 000 एकड़ से अधिक सरकारी जमीन को बुलडोजर की मदद से गुंडों और माफियाओं के हाथों से मुक्त कराया गया है।
माना जा रहा है कि योगी आदित्यनाथ सरकार की जीत में ष्सुशासन और सुरक्षा के मुद्दे का सबसे बड़ा योगदान रहा है और बुलडोजर इसका निशान बन गया।