संकट मोचन मंदिर में लता मंगेशकर करना चाहती थीं प्रस्तुति, एक डर से नहीं आईं दोबारा बनारस…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
वाराणसी। मेरे ख्वाबों में आएं मुझे छेड़ जाए जैसे गीत हो या फिर आज फिर जीने की तमन्ना है। आज फिर मरने का इरादा हैं। जैसे गीत हम युवा अपने ज़िन्दगी से जोड़ कर देखते हैं। ष्रहे न रहे हम महका करेंगे बन के कली बनके सबा…..ये अमर गीत गाने वाली स्वर साम्राज्ञी लता मंगेशकर भले ही इस दुनिया से रुखसत हो गईं लेकिन उनके द्वारा गाये गए हजारों सदाबहार बहार गीत सदैव अमर रहेंगे। बातचीत में लता मंगेशकर के ज्योतिष सलाहकार बनारस के स्वामी ओमा अक बताते हैंकि उनकी सबसे पहले 2012 में फोन पर बात हुई थी। उस दौरान भी उनकी तबियत ठीक नहीं थी। संकट मोचन मंदिर से उनका अथाह लगाव था।