क्या खत्म हो गई शिवपाल की प्रसपा! कभी 100 सीटें मांगने वाले चाचा अकेले लड़ेंगे चुनाव…….
पूर्वांचल पोस्ट न्यूज नेटवर्क
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों से ठीक पहले शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी चुनावी गठबंधन के लिए 100 सीटों पर ताल ठोक कर चुनावी समझौते के तहत सीटें मांग रही थी। लेकिन जब शिवपाल और अखिलेश यादव के बीच समझौता हुआ तो हालात बिल्कुल बदले हुए दिखे। सौ सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाली प्रसपा को अब तक सिर्फ एक सीट ही चुनाव लड़ने के लिए मिली है। वह भी खुद शिवपाल यादव की और चुनाव चिन्ह भी सपा का यानी साइकिल है। अब तक प्रसपा के शिवपाल यादव को छोड़कर किसी भी उम्मीदवार को टिकट न मिलने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि क्या हकीकत में शिवपाल यादव की प्रगतिशील समाजवादी पार्टी खत्म हो गई है या उसका समाजवादी पार्टी में पूरी तरह से विलय हो गया है।
साइकिल पर चुनाव लड़ेंगे शिवपाल
समाजवादी पार्टी के साथ जब प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुआ उसी दौरान राजनीतिक विशेषज्ञ यह अनुमान लगाने लगे थे शिवपाल यादव की प्रसपा का अब फिलहाल कोई राजनीतिक भविष्य नज़र नहीं आ रहा है। उत्तर प्रदेश की राजनीति को समझने वाले एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं कि जिस तरीके के हालात अभी नजर आ रहे हैं उससे तो बिल्कुल स्पष्ट है कि प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का फिलहाल कोई अस्तित्व अब नहीं बचा है। अब तक सिर्फ शिवपाल यादव को ही टिकट मिला है और वह भी साइकिल के चुनाव निशान पर मैदान में है। इसके अलावा उनका कहना है कि शिवपाल यादव ने कुछ दिन पहले यह कहा भी था कि उन्होंने अपनी ओर से प्रसपा के उम्मीदवारों की सूची अखिलेश यादव को दे दी है। शिवपाल यादव का कहना था जो जिताऊ उम्मीदवार होगा। उसे टिकट मिलेगा और अन्य लोगों को सरकार बनने पर यथोचित सम्मान भी मिलेगा।